इस वर्ष स्थगित कांवड़ यात्रा के बावजूद अगर कोई कांवड़िया हरिद्वार गंगाजल भरने के उददेश्य से आता है तो उसे अनिवार्य रूप से 14 दिन के लिए संस्थागत पृथकवास में रखा जायेगा और इस पर आने वाला पूरा व्यय उससे ही वसूला जायेगा.हरिद्वार के जिलाधिकारी सी रविशंकर ने संवाददाताओं को बताया कि यह निर्णय बुधवार को उत्तर प्रदेश और हरियाणा के पड़ोसी जिलों के जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के साथ समन्वय बैठक में लिया गया.उन्होंने कहा कि यह बैठक प्रतिबंध का कड़ाई से पालन करने के लिए रणनीति तैयार करने के लिए आयोजित की गई थी.
सावन के महीने में पवित्र गंगा जल लेने के लिए बडी संख्या में कांवडिया हरिद्वार आते हैं, लेकिन इस वर्ष कोरोना महामारी के मददेनजर इसे रद्द कर दिया गया है. जिलाधिकारी ने कहा कि इस संबंध में कोई भी रियायत नहीं दी जाएगी और यदि कोई भी श्रद्धालु कांवड़ यात्रा और गंगाजल भरने के उद्देश्य से हरिद्वार में पकड़ा जाता है तो जिला प्रशासन द्वारा उसको अनिवार्य रूप से 14 दिन के लिए संस्थागत पृथकवास में रखा जायेगा और इस पर आने वाला व्यय भी पूर्णतः उस व्यक्ति से ही वसूला जायेगा.
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