एक महिला को डिजिटल अरेस्ट कर उसे 1.58 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया. डिजिटल अरेस्ट का ये नया मामला मुंबई का है. जानकारी के अनुसार मुंबई पुलिस का डीसीपी बनकर 67 साल की महिला से ठगी की गई. धोखाधड़ी करने वालों ने खुद को सीबीआई और मुंबई पुलिस का अधिकारी बताया. उन्होंने महिला से कहा कि वह एक कुरियर कंपनी के एक्जीक्यूटिव हैं. 26 नवंबर को जब उन्होंने महिला को फोन किया तो उन्होंने कहा कि आपके नाम पर एक पार्सल ताइवान जा रहा है. जिसमें ड्रग्स मिले हैं. इसलिए मामले को जांच एजेंसियों को सौंपा जा रहा है.
आखिर महिला कैसे जाल में फंसी
महिला ने पूरी तरह से इस बात से इनकार किया कि उसने कोई पार्सल भेजा है. लेकिन ठगों ने महिला से कहा कि उसे सीबीआई अधिकारियों से बात करनी चाहिए. महिला से वादा किया गया कि वह अधिकारियों से संपर्क स्थापित करने में मदद करेंगे और महिला को इस समस्या से बाहर भी निकाल लेंगे. आरोपियों ने महिला से ये भी कहा कि इस मामले में उसके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और ड्रग स्मगलिंग का केस भी हो सकता है.
6 दिनों तक अंधेरे में रखा
आरोपियों की बात सुनकर महिला डर गई. इसके बाद महिला को व्हाट्सएप कॉल आया और स्कैम करने वालों ने खुद को सीबीआई का अफसर बताया. जब महिला ने लगाए गए आरोपों को खारिज किया, तो फर्जी अधिकारियों ने महिला को डिजिटल अरेस्ट किया जा रहा है, यह कहकर 26 नवंबर से लेकर 2 दिसंबर तक तो अंधेरे में रखा.
इस दौरान फर्जी अधिकारियों ने महिला से कहा कि वह अपने पैसे एक दूसरे बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर ले और जब जांच पूरी हो जाएगी तो अकाउंट के साथ उसके पैसे लौटा दिए जाएंगे. इस दौरान महिला से लगभग 1.58 करोड़ ट्रांसफर करवा लिए गए.
जब महिला ने आरोपियों से पूछा कि उन्हें पैसे कब वापस मिलेंगे तो उन्होंने कहा कि आप बीके जाकर डीपी मनीष कलवानिया से मिले. कुछ दिनों बाद महिला बीकेसी पुलिस स्टेशन पहुंची और उसने अधिकारी से मुलाकात की. पुलिस ने महिला को बताया कि उसके साथ ठगी की गई है. पुलिस ने तुरंत शिकायत दर्ज कर ली.
महिला की शिकायत के आधार पर फिलहाल साइबर पुलिस ने धारा 204, 308, 318, 319, 336,338, और 340 समेत एक्सटॉर्शन, चीटिंग, आईटी एक्ट का उल्लंघन सभी के तहत मामला दर्ज कर लिया है.
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