केरल की LDF सरकार (Kerala's LDF government) ने तिरुवनंतपुरम (Thiruvananthapuram Airport)सहित तीन एयरपोर्ट को 50 साल के लिए एक प्राइवेट कंपनी को सौंपने के केंद्र सरकार के फैसले का कड़ा विरोध किया है. केरल सरकार का कहना है कि यह फैसला, पीएम के साथ दिल्ली में हुई निजी मीटिंग में दिए गए आश्वासन के लिए विपरीत है. केरल के सीएम पिनाराई विजयन (Chief Minister Pinarayi Vijayan) ने पीएम नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi)को लिखे पत्र में कहा है कि फैसले के दौरान केरल के इस लगातार आग्रह की अनदेखी की गगई है कि एयरपोर्ट के संचालन और प्रबंधन को Special Purpose Vehicle (SPV) को स्थानांतरित किया जाए, जिसमें केरल सरकार प्रमुख साझेदार (stakeholder)है.
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सीएम ने अपने लेटर में जोर देकर कहा कि तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट का संचालन और प्रबंधन में निजी कंपनी का 'आगमन' नागरिक विमानन मंत्रालय और भारत सरकार की ओर से 2003 में दिए गए आश्वासन के खिलाफ है. केरल सरकार ने 23.57 एकड़ जमीन बिना किसी कीमत के एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को इंटरनेशनल टर्मिनल के निर्माण के लिए इस शर्त पर ट्रांसफर की थी कि जमीन की कीमत को एयरपोर्ट के संचालन के लिए लिए Special Purpose Vehicle (SPV) में राज्य की शेयर कैपिटल के तौर पर समाहित किया जाएगा.
सीएम विजय ने इस मामले में पीएम के दखल की मांग करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की ओर से बुधवार को लिए गए 'एकतरफा निर्णय' के मद्देनजर 'पूर्ण सहयोग' नहीं कर पाएगी. पत्र में कोच्चि और कन्नूर एयरपोर्ट का भी जिक्र है जिनका संचालन राज्य सरकार द्वारा Special Purpose Vehicle (SPV) के अंतर्गत किया जा रहा है. केरल के सीएम ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई है.
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