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This Article is From Aug 09, 2018

इशरत जहां मुठभेड़ मामले में डी जी वंजारा की भूमिका स्पष्ट : कोर्ट

अदालत ने कुछ दिन पहले ही वंजारा और अमीन की अर्जी को खारिज कर दिया था.

इशरत जहां मुठभेड़ मामले में डी जी वंजारा की भूमिका स्पष्ट : कोर्ट
डीजी वंजारा को लेकर कोर्ट ने की टिप्पणी
नई दिल्ली: विशेष सीबीआई अदालत ने कहा है कि प्रथम दृष्टया इशरत जहां मामले में पूर्व पुलिस महानिदेशक पी पी पांडे की तुलना में पूर्व पुलिस अधिकारी डी जी वंजारा की भूमिका ‘स्पष्ट और बड़ी’ है.पांडे को इसी मामले में इसी अदालत ने आरोपमुक्त कर दिया था.विशेष सीबीआई न्यायाधीश जे के पांड्या ने यह भी कहा कि अन्य आरोपी एन के अमीन भी मुठभेड़ के दौरान मौके पर मौजूद थे. अमीर ने भी खुद को आरोपमुक्त करने की अर्जी दी थी.अदालत ने कुछ दिन पहले ही वंजारा और अमीन की अर्जी को खारिज कर दिया था. आदेश की विस्तृत प्रति आज उपलब्ध हुई. अदालत ने कहा कि पुलिस कांस्टेबल, पुलिस उपनिरीक्षक, पुलिस निरीक्षक के बयानों से प्रथम दृष्टया ऐसा जान पड़ता है कि आरोपी नंबर 3 (वंजारा) की भूमिका आरोपी नंबर दो (पांडे) की तुलना में स्पष्ट और बड़ी थी.

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वंजारा ने पांडे के साथ समतुल्यता के आधार पर खुद को आरोपमुक्त करने की मांग की थी.अमीन के संदर्भ में अदालत ने कहा कि यह स्पष्ट है कि आरोपी नंबर 5 अमीन ने इशरत और जावेद को 12 जून को वसाड टोल बूथ से पकड़ा था और मुठभेड़ के दौरान वह मौके पर मौजूद थे. मुम्ब्रा की 19 वर्षीय इशरत जहां और तीन अन्य-- जावेद शेख उर्फ प्रणेश पिल्लै, अमजद अली अकबर अली राणा और जीशान जौहर 15 जून, 2004 को अहमदाबाद के बाहरी इलाके में पुलिस के साथ कथित मुठभेड़ में मारे गये थे.  

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गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही डी जी वंजारा ने सीबीआई की जांच पर सवाल खड़े किए थे. गुजरात के पूर्व आईपीएस अधिकारी डी जी वंजारा के वकील ने इशरत जहां और अन्य को लेकर जा रही कार के मूवमेंट के बारे में सीबीआई की थ्योरी पर आज सवाल उठाया. बता दें कि इशरत और अन्य की कथित तौर पर फर्जी मुठभेड़ में हत्या कर दी गई थी. साल 2004 के इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में आरोपी वंजारा ने यहां विशेष सीबीआई अदालत में याचिका दायर करके मामले में आरोप मुक्त करने की मांग की.

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उनके वकील वी डी गज्जर ने अदालत से कहा कि पहिया फटने के बाद से इशरत की कार के मूवमेंट के बारे में सीबीआई की थ्योरी गलत थी क्योंकि घटनास्थल का नाटकीय रूपांतरण करने पर साबित हुआ था कि वाहन उसी दिशा में गया था, जैसा स्थानीय पुलिस ने मुठभेड़ के समय दावा किया था. वंजारा की तरफ से दलीलें पूरी होने के बाद विशेष न्यायाधीश जे के पांड्या ने मामले में अगली सुनवाई 30 जून तक स्थगित कर दी.

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उस वक्त केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) मामले में अपनी दलीलें रखना शुरू करेगी. वंजारा के साथ गुजरात के पूर्व पुलिस अधिकारी एन के अमीन ने मामले में आरोप मुक्त किये जाने की मांग को लेकर विशेष अदालत का दरवाजा खटखटाया था.(इनपुट भाषा से) 

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