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पहलगाम हमले के बाद आतंकी ठिकानों की तबाही अब 'न्‍यू नॉर्मल', बदल रही है भारत की सोच

भारतीय सैन्य और खुफिया सूत्रों ने इस बात के पुख्ता सबूत दिए हैं कि पाकिस्तानी सेना के भीतर मौजूद तत्‍वों खास तौर परआईएसआई से जुड़े लोग पीओके में सक्रिय आतंकवादी समूहों को लॉजिस्टिक सपोर्ट, सुरक्षित पनाहगाह, ट्रेनिंग और वित्तीय सहायता प्रदान कर रहे हैं.

पहलगाम हमले के बाद आतंकी ठिकानों की तबाही अब 'न्‍यू नॉर्मल', बदल रही है भारत की सोच
भारत ने सात मई को पाकिस्‍तान और पीओके में मौजूद कई आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया.
नई दिल्‍ली:

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की मौत पर भारत की प्रतिक्रिया ने एक ऐसी रेड लाइन खींच दी है, जिसे पाकिस्‍तान अब और अनदेखा नहीं कर सकता है. इसके तहत अब राज्‍य की नीति के रूप में आतंकवाद टारगेटेड और स्‍पष्‍ट परिणामों को जन्‍म देगा. ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकी ढांचे और एयर बेस सहित पाकिस्तानी सैन्य संपत्तियों पर क्रूज मिसाइल हमलों ने नपे-तुले हमले ने एक सैद्धांतिक बदलाव को दर्शाया है. इसके साथ ही अब पहलगाम हमले के बाद आतंकी ठिकानों की तबाही अब न्‍यू नॉर्मल है. 

समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि ऑपरेशन खत्म नहीं हुआ है और यह आतंकवाद के खिलाफ भारत की सोच में न्‍यू नॉर्मल (नई सामान्य) स्थिति का संकेत देता है, जिसमें इस बात पर जोर दिया गया है कि पाकिस्तान को इस नई वास्तविकता को स्वीकार करना चाहिए और हमेशा की तरह काम करने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए. 

ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है: सूत्र

सूत्रों ने एएनआई से कहा, "ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है, हम नई सामान्य स्थिति में हैं, दुनिया को इसे स्वीकार करना होगा. पाकिस्तान को इसे स्वीकार करना होगा; यह हमेशा की तरह नहीं हो सकता है." 

पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (पीओजेके) में 7 मई को नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया. यह लक्ष्य लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन के थे. इन जगहों की पहचान भारत के खिलाफ हमलों की योजना बनाने के लिए प्रमुख ट्रेनिंग और ऑपरेशनल सेंटरों के रूप में की गई थी. 

भारत ने पाकिस्तानी सैन्य या नागरिक ढांचों को निशाना नहीं बनाया और अतिरिक्‍त नुकसान से बचाने की पूरी कोशिश की. हालांकि पाकिस्तानी सेना ने भारत के नागरिक इलाकों पर ड्रोन से हमला करके स्थिति को और बिगाड़ दिया. लगातार हमलों के बाद यह निर्णय लिया गया कि जहां चोट पहुंचे, वहां हमला किया जाए. 

'स्‍पष्‍ट संकेत है कि आक्रामकता बर्दाश्त नहीं करेंगे'

डीजी एयर ऑपरेशन एयर मार्शल एके भारती ने रविवार को कहा, "और इस दिशा में हमने एक तेज, समन्वित, सुनियोजित हमले में पूरे पश्चिमी मोर्चे पर हवाई ठिकानों, कमांड सेंटरों, सैन्य बुनियादी ढांचों, एयर डिफेंस सिस्‍टम पर हमला किया."

उन्होंने कहा, "हमने स्पष्ट संदेश दिया कि आक्रामकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इसके बाद सरगोधा, बरारी, जैकोबाबाद में हमले किए गए."

आतंकी हमले को माना जाएगा युद्ध की कार्रवाई!

सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा भविष्य में किए जाने वाले किसी भी आतंकी हमले को युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा और भारत उसी के अनुसार जवाब देगा. 

भारत के खिलाफ हमले करने के लिए आतंकवादियों का समर्थन करने में पाकिस्तानी सेना की भूमिका 7 मई को और भी स्पष्ट हो गई, जब पाकिस्‍तानी सेना ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय मिसाइलों द्वारा मारे गए टेरर इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर की रक्षा में खड़ी हो गई. 

आईएसआई के लोग आतंकी समूहों को दे रहे सहायता

भारतीय सैन्य और खुफिया सूत्रों ने इस बात के पुख्ता सबूत दिए हैं कि पाकिस्तानी सेना के भीतर मौजूद तत्‍वों खास तौर पर इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) से जुड़े लोग पाक अधिकृत कश्‍मीर में सक्रिय आतंकवादी समूहों को लॉजिस्टिक सपोर्ट, सुरक्षित पनाहगाह, ट्रेनिंग और वित्तीय सहायता प्रदान कर रहे हैं.

सूत्रों ने कहा कि कुछ आतंकवादी शिविरों की सैन्य प्रतिष्ठानों और छावनियों से निकटता ने इस संदेह को मजबूत किया कि उन्हें जानबूझकर बचाया जा रहा था. 

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