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This Article is From Dec 25, 2023

दिल्ली: LG का अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने के लिए समयबद्ध योजना बनाने के निर्देश

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अधिकारियों को अनधिकृत कॉलोनियों के पंजीकरण, सत्यापन और उसके बाद नियमितीकरण के लिए एक ठोस, समयबद्ध कार्ययोजना के साथ आने का निर्देश दिया.

दिल्ली: LG का अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने के लिए समयबद्ध योजना बनाने के निर्देश
LG ने कहा कि अनधिकृत कॉलोनियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया को सरल बनाने की जरूरत है. (फाइल)
नई दिल्ली :

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना (VK Saxena) ने अधिकारियों को अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने के लिए समयबद्ध योजना बनाने का निर्देश देते हुए इस बात पर जोर दिया कि प्रक्रिया को सरल और परेशानी मुक्त बनाने की जरूरत है. राजनिवास के अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि हाल में संसद द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान) 2023 पारित किए जाने के बाद, सक्सेना ने मुख्य सचिव, शहरी विकास, लोकनिर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अधिकारियों, दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के उपाध्यक्ष, दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के आयुक्त और विभिन्न हितधारक विभागों/एजेंसियों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की. 

अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने अनधिकृत कॉलोनियों के नियमितीकरण और क्रमशः पीएम-उदय और पीएमएवाई (शहरी) के तहत झुग्गीवासियों के पुनर्वास से संबंधित कार्यों की प्रगति और स्थिति का जायजा लिया. 

सक्सेना ने अधिकारियों से पीएम-उदय, पीएमएवाई और डीडीए की ‘लैंड पूलिंग' नीति के पूर्ण कार्यान्वयन के संबंध में विशिष्ट समयसीमा देने को कहा. 

उपराज्यपाल को सूचित किया गया कि अनधिकृत कॉलोनियों की सीमाओं में अस्पष्टता, कट-ऑफ तिथियों के बार-बार विस्तार और अधिसूचित झुग्गी-झोपड़ी क्लस्टर में अनिश्चितता ने इस मुद्दे को लंबे समय तक लटकाए रखा है और इसके कारण आखिरकार केंद्र को 2019 में पीएम-उदय और पीएमएवाई योजनाएं बनानी पड़ीं. 

उन्होंने कहा कि उसके तुरंत बाद, कोविड महामारी शुरू होने की वजह से काम जोर शोर से नहीं किया जा सका. 

एक अधिकारी ने बताया, “उपराज्यपाल ने इस तथ्य पर आश्चर्य और चिंता व्यक्त की कि यह अधिनियम विभिन्न रूपों में दिसंबर 2006 से लागू था और फिर भी महामारी के कारण उत्पन्न बाधाओं के बावजूद मामला लटका हुआ था.”

सक्सेना ने अधिकारियों को अनधिकृत कॉलोनियों के पंजीकरण, सत्यापन और उसके बाद नियमितीकरण के लिए एक ठोस, समयबद्ध कार्ययोजना के साथ आने का निर्देश दिया और इस बात पर जोर दिया कि ऐसा करने की प्रक्रिया को सरल और परेशानी मुक्त बनाने की जरूरत है. 

उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी तरह की लापरवाही या भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. 

उपराज्यपाल ने इस बात पर जोर दिया कि सभी कार्यों को हाल में संसद द्वारा पारित अधिनियम में प्रदान की गई 2026 की अधिकतम सीमा से कम से कम एक वर्ष पहले पूरा किया जाना चाहिए. 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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