
रमी (फाइल फोटो)
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क्लब में रमी खेलने वालों को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट की बड़ी टिप्पणी.
हाईकोर्ट ने कहा- छोटी रकम के साथ रमी खेलना जुआ नहीं.
दिल्ली हाईकोर्ट ने लोअर कोर्ट के फैसले पर जताई सहमति.
न्यायमूर्ति वाल्मीकि जे मेहता की यह टिप्पणी सुरेश कुमार द्वारा दाखिल अपील पर आई है. अपीलकर्ता सुरेश कुमार ने निचली अदालत के एक आदेश को चुनौती दी थी जिसमें उन्हें एक झूठी पुलिस शिकायत दाखिल करने की क्षतिपूर्ति के तौर पर यहां सेंट्रल सेक्रेटेरियट क्लब को तीन लाख रुपये अदा करने का निर्देश दिया था.
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न्यायमूर्ति मेहता ने कहा, 'मेरे विचार से निचली अदालत ने यह भी सही कहा है कि क्योंकि किसी क्लब के परिसर में कुछ आने से लेकर कुछ रुपये तक के दांव के साथ रमी का ताश का खेल खेला जाता है, इससे यह जुआ नहीं बन जाता.' क्लब के पूर्व कर्मचारी कुमार ने शिकायत की थी कि वहां 'माफिया' काम करता है और क्लब ने अपने परिसर में जुऐ को अनुमति दी.
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