दिल्ली हाई कोर्ट (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि गूगल और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म ने ऐसी सामग्री अपलोड करके देश का बड़ा नुकसान किया है, जिससे कठुआ बलात्कार और हत्या मामले की पीड़ित बच्ची की पहचान का खुलासा हुआ. कोर्ट ने इसके साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे गूगल, फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब को नोटिस जारी किये. अदालत ने ये नोटिस तब जारी किये जब इन सोशल मीडिया कंपनियों की भारतीय सहायक कंपनियों ने पीठ को बताया कि वे मुद्दे पर अदालत के नोटिस का जवाब देने के लिए संबंधित इकाई नहीं हैं.
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कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति हरिशंकर की पीठ ने कहा , ‘आपने देश का बड़ा नुकसान किया है. भारत को .... घोषित कर दिया गया. यह देश और पीड़ित परिवार के साथ एक अन्याय है. इस तरह के प्रकाशन की अनुमति नहीं है.’
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पीठ ने कहा कि वाट्सऐप पर भारत की छवि खराब करने वाले संदेश और तस्वीरें प्रसारित की गई. पीठ ने यह भी कहा कि इकाइयां अपनी वेबसाइटों पर अवैध गतिविधियों से पल्ला नहीं झाड़ सकती और कानून सभी के लिए बराबर है. पीठ ने इसके साथ ही प्रेस काउंसिल और इंडिया ( पीसीआई ) द्वारा प्रेस काउंसिल कानून के तहत कुछ मीडिया हाउस के खिलाफ बलात्कार मामले में पीड़ित बच्ची की पहचान का खुलासा करने के लिए शुरू की गई कार्यवाही पर रोक लगा दी. अदालत ने मामले की आगे की सुनवाई 29 मई को करना तय किया.
VIDEO: पठानकोट में होगी कठुआ मामले की सुनवाई
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