धर्मशाला, नैनीताल और देहरादून से भी ज्यादा ठंडी हुई दिल्ली, तापमान 4.4 डिग्री सेल्सियस तक गिरा

दिल्ली विश्वविद्यालय के पास न्यूनतम तापमान 3.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, उत्तरी राजस्थान में गंभीर शीत लहर, चुरू में न्यूनतम तापमान शून्य से 0.9 डिग्री नीचे दर्ज किया गया

धर्मशाला, नैनीताल और देहरादून से भी ज्यादा ठंडी हुई दिल्ली, तापमान 4.4 डिग्री सेल्सियस तक गिरा

दिल्ली में तापमान तेजी से गिर गया है और शहर शीतलहर की चपेट में आ गया है.

नई दिल्ली :

दिल्ली में बुधवार को सुबह इस मौसम का सबसे कम न्यूनतम तापमान 4.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जिससे, कोहरे की चादर में लिपटी राष्ट्रीय राजधानी धर्मशाला, नैनीताल और देहरादून से भी ज्यादा ठंडी हो गई. अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि घने कोहरे के कारण दृश्यता 200 मीटर रह गई, जिससे सड़क और रेल परिवहन प्रभावित हुआ.

रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि, ''कोहरे के कारण दिल्ली आने वाली कम से कम 19 ट्रेनें डेढ़ घंटे से साढ़े चार घंटे तक देरी से चल रही हैं.''

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने उपग्रह के जरिए ली गई तस्वीरें साझा की हैं, जिनमें भारत में गंगा के मैदानी क्षेत्रों व उससे लगते मध्य तथा पूर्वी भाग में कोहरे की मोटी परत दिख रही है. इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर स्थित पालम वेधशाला ने बुधवार को सुबह साढ़े पांच बजे दृश्यता 200 मीटर दर्ज की.

भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, दृश्यता शून्य से 50 मीटर के बीच रहने पर ‘बेहद घना कोहरा', 51 मीटर से 200 मीटर के बीच ‘घना कोहरा', 201 मीटर से 500 मीटर के बीच ‘मध्यम कोहरा' और 501 से 1,000 मीटर के बीच रहने पर ‘हल्का कोहरा' माना जाता है.

दिल्ली के प्रमुख मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला के अनुसार, बर्फीले हिमालय से शुरू होकर मैदानों से होते हुए आती सर्द हवाओं के कारण बुधवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन अंक नीचे 4.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया. यह एक दिन पहले 8.5 डिग्री सेल्सियस था.

दिल्ली में न्यूनतम तापमान धर्मशाला (5.2 डिग्री), नैनीताल (छह डिग्री) और देहरादून (4.5 डिग्री) से भी कम दर्ज किया गया. दिल्ली में बुधवार को न्यूनतम तापमान दिल्ली विश्वविद्यालय के पास 3.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.

आईएमडी के वरिष्ठ वैज्ञानिक आरके जेनामणि ने कहा, ''दिल्ली में शीत लहर जारी है और अधिकतम तापमान भी कम है, जिससे सर्दी बनी हुई है. अधिकतर स्थानों पर अधिकतम तापमान 13 से 15 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है. हालांकि दिल्ली में कोहरे की स्थिति में सुधार हुआ है.''

जेनामणि ने कहा, ''अगले 24 से 48 घंटों के लिए शीत लहर और शीत दिवस की स्थिति बनी रहने की संभावना है. हालांकि हालिया पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण कुछ सुधार होगा, जिससे सात जनवरी के बाद उत्तर-पश्चिमी भारत में असर पड़ सकता है.''

वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक ने कहा कि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और बिहार समेत पूरे उत्तर भारत में ऐसी ही स्थिति रहेगी. इन राज्यों में दिन में तापमान सामान्य से बहुत कम रहने की संभावना है.

आईएमडी अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में शीत दिवस और गंभीर शीत दिवस की स्थिति रहने की संभावनाएं हैं. राज्य में अधिकतम तापमान 10-12 डिग्री सेल्सियस रहेगा.

उत्तरी राजस्थान में गंभीर शीत लहर का प्रकोप जारी है. राज्य के चुरू में न्यूनतम तापमान शून्य से 0.9 डिग्री नीचे दर्ज किया गया.

मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश के लिए बुधवार को, वहीं पंजाब और हरियाणा में बुधवार और शुक्रवार के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. दिल्ली-एनसीआर में अगले दो दिन के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. आईएमडी मौसम संबंधी चेतावनी जारी करने के लिए चार रंगों का उपयोग करता है. इनमें ग्रीन (किसी कार्रवाई की जरूरत नहीं), यलो (ध्यान दें और बदलाव पर नजर बनाए रखें), ऑरेंज (तैयार रहें) और रेड (कदम उठाएं) रंग शामिल हैं.

शीत लहर के कारण पॉवर ग्रिड पर दबाव बढ़ सकता है और निराश्रित लोगों की परेशानी बढ़ सकती है.

दिल्ली में मंगलवार को लोधी रोड, पालम, जफरपुर और मयूर विहार समेत कई स्थानों पर अधिकतम तापमान में सामान्य से पांच अंकों की गिरावट के साथ 'शीत दिवस' दर्ज किया गया. ‘शीत दिवस' तब होता है जब न्यूनतम तापमान सामान्य से 10 डिग्री सेल्सियस से कम या उसके बराबर होता है और अधिकतम तापमान सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री सेल्सियस कम होता है. एक ‘गंभीर ठंडा दिन' तब होता है, जब अधिकतम तापमान सामान्य से 6.5 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक कम होता है.

आईएमडी ने उत्तर-पश्चिमी भारत में अगले चार-पांच दिन तक घना से बहुत घना कोहरा छाने और सर्द दिन होने की संभावना जताई है. इसके अनुसार, उत्तर-पश्चिमी भारत में अगले दो दिन तक शीत लहर जारी रह सकती है और उसके बाद यह कम हो सकती है.

आईएमडी के अनुसार, मैदानी भागों में न्यूनतम तापमान चार डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने पर शीत लहर की घोषणा की जाती है. शीतलहर की घोषणा तब भी की जाती है जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या उससे कम हो और सामान्य से 4.5 डिग्री कम हो.

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न्यूनतम तापमान के दो डिग्री सेल्सियस रहने या सामान्य से 6.4 डिग्री सेल्सियस से कम रहने पर ‘भीषण' शीतलहर की घोषणा की जाती है.