दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार ने जनलोकपाल बिल को मंजूरी दे दी है। सोमवार शाम पांच बजे हुई बैठक में कैबिनेट ने इस विधेयक पर अपनी मंजूरी दे दी।
विधेयक को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाल मनीष सिसौदिया ने बताया कि अब यह विधेयक 13 से 16 फरवरी के बीच विधानसभा में पेश किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि एक चपरासी से लेकर मुख्यमंत्री तक सभी इसके दायरे में आएंगे।
सूत्रों के हवाले से एनडीटीवी इंडिया को आम आदमी पार्टी के जनलोकपाल बिल के कई अहम प्रावधानों का पता चला है। इनके मुताबिक, जनलोकपाल बिल में भ्रष्टाचार के मामलों में अधिकतम उम्रकैद की सजा का प्रावधान किया गया है।
जनलोकपाल बिल में भ्रष्टाचार के मामलों में कम से कम 6 महीने की सजा का प्रावधान किया गया है। इस बिल में लोकायुक्त के पास दो अलग−अलग शाखाओं का प्रावधान किया गया है। एक होगी जांच शाखा और दूसरी अभियोजन (प्रॉसिक्यूशन) शाखा।
इस बिल में भ्रष्टाचार के मामलों में जांच रिपोर्ट दाखिल करने की समय सीमा 6 महीने तय की गई है।
इस बिल के मुताबिक, लोकायुक्त यह तय करेगा कि क्या दोषी पाए गए अधिकारी को निलंबित किया जाए या फिर बर्खास्त किया जाए।
गौरतलब है कि केजरीवाल सरकार ने अपने चुनाव घोषणापत्र में वादा किया था कि वह जनता की मौजूदगी में जनलोकपाल को पास करेगी।
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