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बेखौफ और निडर है इंडियन आर्मी, अब युद्ध के कई प्रारूप हो चुके : सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी

सेना प्रमुख ने न केवल भारतीय सशस्त्र बलों के लिए बल्कि मित्र देशों (एफएफसी) के लिए भी सैन्य अधिकारियों को तैयार करने में एमआईएलआईटी की शानदार भूमिका की सराहना की.

बेखौफ और निडर है इंडियन आर्मी, अब युद्ध के कई प्रारूप हो चुके : सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी
नई दिल्ली:

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने रक्षा तैयारियों को केवल एक आवश्यकता नहीं, बल्कि कला, रणनीति और सटीकता का संयोजन बताया है. उन्होंने सैन्य अधिकारियों से बहुमुखी प्रतिभा, अनुकूलनशीलता और दृढ़ संकल्प की भावना को अपनाने का आग्रह किया. जनरल उपेंद्र द्विवेदी गिरिनगर स्थित सैन्य प्रौद्योगिकी संस्थान (एमआईएलआईटी) में बोल रहे थे.
उन्होने रक्षा सेवा तकनीकी स्टाफ कोर्स कर रहे युवा सैन्य कमांडरों और अगली पीढ़ी के सैन्य अधिकारियों को संबोधित किया. जनरल द्विवेदी ने युद्ध के उभरते तौर-तरीकों पर विस्तार से चर्चा की और परिवर्तन की निरंतर गति और समय के साथ आगे चलने की आवश्यकता पर जोर दिया.

सेना प्रमुख ने रक्षा तैयारियों को केवल एक आवश्यकता नहीं, बल्कि एक कला, रणनीति और सटीकता का संयोजन बताया. भारत के संदर्भ में उभरते खतरों और चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए सेना प्रमुख ने भारतीय सेना द्वारा की जा रही परिवर्तनकारी पहलों पर जोर दिया. उन्होंने अधिकारियों से परिवर्तन अभियान के अनुरूप बहुमुखी प्रतिभा, अनुकूलनशीलता और दृढ़ संकल्प की भावना को अपनाने का आग्रह किया.

सेना प्रमुख ने राष्ट्र निर्माण में भारतीय सेना के महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की. उन्होंने प्राकृतिक आपदाओं के दौरान मानवीय सहायता प्रदान करने, निराशा के समय में सांत्वना और आशा जगाने में सेना की बेजोड़ भूमिका के बारे में गर्व के साथ बात की. उन्होंने खतरनाक लड़ाई वाले क्षेत्रों से भारतीयों को निकालने में सेना के साहस की भी सराहना की, जिसमें सामरिक प्रतिभा और मानवीय करुणा का परिचय दिया गया.

सैन्य-कूटनीतिक तालमेल के महत्व पर जोर देते हुए, सेना प्रमुख ने बाहरी खतरों का मुकाबला करने के लिए एकता की शक्ति को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि परिचालन तत्परता, रणनीतिक संरेखण और सामंजस्यपूर्ण समन्वय, एक अजेय सेना के आधार हैं. सैन्य सोच में बड़े बदलाव का आह्वान करते हुए, सीओएएस ने अधिकारियों से युद्ध के हथियारों और तकनीकों की फिर से कल्पना करने और पुनर्निर्माण करने का आग्रह किया.

सेना प्रमुख ने न केवल भारतीय सशस्त्र बलों के लिए बल्कि मित्र देशों (एफएफसी) के लिए भी सैन्य अधिकारियों को तैयार करने में एमआईएलआईटी की शानदार भूमिका की सराहना की. उन्होंने एमआईएलआईटी की प्रशंसा उत्कृष्टता के एक प्रकाश स्तंभ के रूप में की. उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा केंद्र है, जहां भविष्य के सैन्य अधिकारियों को बुद्धि, चरित्र और उद्देश्य के साथ गढ़ा जाता है, जो संकाय और छात्र, दोनों की प्रेरणा का स्रोत है.

एमआईएलआईटी, एनएम, कमांडेंट रियर एडमिरल नेल्सन डिसूजा ने इस यात्रा के लिए सेवा प्रमुख के प्रति आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि जनरल द्विवेदी के शब्दों ने स्टाफ और छात्र अधिकारियों में उद्देश्य और गर्व की भावना को फिर से जागृत किया है. इससे उन्हें साहस और प्रतिबद्धता के चरित्र को साकार करते हुए अधिक ऊंचाइयां प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन मिलेगा.
 

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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