हैदराबाद:
आंध्र प्रदेश में सबकी निगाहें कांग्रेस कोर कमेटी की शुक्रवार को होने वाली बैठक पर लगी हैं, जिसमें अलग तेलंगाना राज्य गठन के मुद्दे पर फैसला लिए जाने की संभावना है।
तेलंगाना क्षेत्र के नेताओं की उम्मीद और सीमांध्रा (रायलसीमा और आंध्र क्षेत्र) के नेताओं की आशंकाओं के बीच आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी, उप मुख्यमंत्री दामोदर राजनरसिम्हा और राज्य कांग्रेस प्रमुख बोत्सा सत्यनारायण गुरुवार को नई दिल्ली के लिए रवाना हुए।
ये तीनों नेता कांग्रेस कोर कमेटी को अपनी रिपोर्ट देंगे। इस मुद्दे पर अंतिम फैसला लेने से पहले चर्चा में उनके रुख पर विचार किए जाने की संभावना है।
एक कार्य योजना बनाने से पहले तीनों नेताओं ने सभी क्षेत्रों के नेताओं के साथ अलग-अलग चर्चा की। पार्टी सूत्रों के अनुसार, वे अपनी रिपोर्ट में राज्य विभाजन के लाभ और हानि का उल्लेख करेंगे।
कांग्रेस महासचिव और राज्य के मामलों के प्रभारी दिग्विजय सिंह ने पिछले हफ्ते राज्य का दौरा किया था और पार्टी नेताओं को निर्देश दिया था कि वे कोई भी फैसला होने की स्थिति से निपटने के लिए एक कार्य योजना तैयार करें।
सीमांध्रा के नेताओं ने मुख्यमंत्री और राज्य कांग्रेस प्रमुख दोनों से आग्रह किया है राज्य का विभाजन नहीं होना चाहिए। उधर, तेलंगाना के विधायकों और सांसदों का कहना है कि क्षेत्र के लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए अलग तेलंगाना राज्य का गठन आवश्यक है।
तेलंगाना क्षेत्र के नेताओं की उम्मीद और सीमांध्रा (रायलसीमा और आंध्र क्षेत्र) के नेताओं की आशंकाओं के बीच आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी, उप मुख्यमंत्री दामोदर राजनरसिम्हा और राज्य कांग्रेस प्रमुख बोत्सा सत्यनारायण गुरुवार को नई दिल्ली के लिए रवाना हुए।
ये तीनों नेता कांग्रेस कोर कमेटी को अपनी रिपोर्ट देंगे। इस मुद्दे पर अंतिम फैसला लेने से पहले चर्चा में उनके रुख पर विचार किए जाने की संभावना है।
एक कार्य योजना बनाने से पहले तीनों नेताओं ने सभी क्षेत्रों के नेताओं के साथ अलग-अलग चर्चा की। पार्टी सूत्रों के अनुसार, वे अपनी रिपोर्ट में राज्य विभाजन के लाभ और हानि का उल्लेख करेंगे।
कांग्रेस महासचिव और राज्य के मामलों के प्रभारी दिग्विजय सिंह ने पिछले हफ्ते राज्य का दौरा किया था और पार्टी नेताओं को निर्देश दिया था कि वे कोई भी फैसला होने की स्थिति से निपटने के लिए एक कार्य योजना तैयार करें।
सीमांध्रा के नेताओं ने मुख्यमंत्री और राज्य कांग्रेस प्रमुख दोनों से आग्रह किया है राज्य का विभाजन नहीं होना चाहिए। उधर, तेलंगाना के विधायकों और सांसदों का कहना है कि क्षेत्र के लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए अलग तेलंगाना राज्य का गठन आवश्यक है।
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