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This Article is From Feb 17, 2023

जॉर्ज सोरोस के बयान से पहले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 'मनगढ़ंत कमेंट' पर दी थी चेतावनी

उपराष्ट्रपति ने कहा था, "भारत प्रगति पर है, सूचना के मुक्त पतन द्वारा एक कहानी को आगे बढ़ाने के लिए भयावह डिजाइन किया गया है. हमें इससे सतर्क रहना होगा. यह आक्रमण का एक और तरीका है. हमें इसे साहसपूर्वक बेअसर करना होगा."

जॉर्ज सोरोस के बयान से पहले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 'मनगढ़ंत कमेंट' पर दी थी चेतावनी
भारतीय सूचना सेवा के प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए उपराष्ट्र जगदीप धनखड़ ने ये बातें कही.
नई दिल्ली:

अमेरिका के अरबपति जॉर्ज सोरोस के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी करने के एक दिन पहले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भारत के विकास के रास्ते में आने वाले "छेड़छाड़ वाले आख्यान" के खिलाफ चेतावनी दी थी. उपराष्ट्रपति ने बुधवार को दिल्ली में अपने आधिकारिक आवास पर भारतीय सूचना सेवा (आईआईएस) के प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए युवा अधिकारियों से भारत के विकास की कहानी को चोट पहुंचाने की कोशिश करने वाले "भयावह डिजाइन" से बचने को कहा था.

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा था, 'भारत की विकास गाथा को नीचा दिखाने की कोशिश करने वाली झूठी और मनगढ़ंत कहानियों का मुकाबला करने की जरूरत है.' धनखड़ का बयान बीबीसी के दिल्ली और मुंबई दफ्तरों में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से किए जा रहे सर्वे के बीच आया था.

उपराष्ट्रपति ने कहा था, "भारत प्रगति पर है, सूचना के मुक्त पतन द्वारा एक कहानी को आगे बढ़ाने के लिए भयावह डिजाइन किया गया है. हमें इससे सतर्क रहना होगा. यह आक्रमण का एक और तरीका है. हमें इसे साहसपूर्वक बेअसर करना होगा. हम अपने विकास की कहानी को नीचे गिराने के लिए ऐसे मनगढ़ंत कहानियों के मुक्त पतन की अनुमति नहीं दे सकते."

उन्होंने कहा, ‘‘हमेशा सतर्क रहें क्योंकि चीजें इन दिनों एक सेकंड में वायरल हो रही हैं.'' भारतीय सूचना सेवा के अधिकारी भारत सरकार के मीडिया प्रबंधक होते हैं. वे सूचना के प्रसार और विभिन्न सरकारी नीतियों और योजनाओं को जनता तक पहुंचाने के माध्यम से सरकार और लोगों के बीच एक महत्वपूर्ण संचार कड़ी के रूप में कार्य करते हैं.

धनखड़ ने भारत को अवसरों और निवेश की भूमि के रूप में वर्णित किया तथा इन शक्तियों को आगे बढ़ाने में प्रभावी संचार की भूमिका पर प्रकाश डाला. ‘‘सूचनाओं की डंपिंग'' को ‘‘आक्रमण का एक और तरीका'' बताते हुए उन्होंने इसे बेअसर करने के लिए साहसिक और प्रभावी कदम उठाने का आह्वान किया.

उपराष्ट्रपति ने भारत के विकास की कहानी को धीमा करने के लिए छेड़छाड़ की गई कहानियों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए सतर्क रहने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया. उन्होंने युवा अधिकारियों से कहा, ‘‘हमारे पास अब देरी से प्रतिक्रिया की सुविधा नहीं है.''

इस अवसर पर उपराष्ट्रपति के सचिव सुनील कुमार गुप्ता, सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्रा, आईआईएमसी के महानिदेशक प्रोफेसर संजय द्विवेदी, 2020, 2021 और 2022 बैच के आईआईएस अधिकारी प्रशिक्षु और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
 

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