डेविड हेडली (फाइल फोटो)
मुंबई:
आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली ने मुंबई कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा कि उसने भारत से बदला लेने के लिए लश्कर ए तैयबा संगठन से हाथ मिलाया था। हेडली ने कहा कि 1971 में पाकिस्तान स्थित उसके स्कूल को भारतीय प्लेनों ने बम से उड़ा दिया था जिसके बाद बचपन से ही उसके मन में भारत और भारतीयों के खिलाफ नफरत पैदा हो गई थी। यही वजह थी कि वह भारत को ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाना चाहता था। गौरतलब है कि 2008 में हुए 26/11 मुंबई हमले में अपने कथित रोल के लिए फिलहाल हेडली अमेरिका में 35 साल की सज़ा काट रहा है।
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पढ़ें - बयान बदल रहा डेविड हेडली
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'मेरा स्कूल उड़ा दिया था..'
मुंबई कोर्ट में क्रॉस एक्ज़ाम के दौरान हेडली ने कहा कि 'मैं भारत से इसलिए नफरत करता था क्योंकि 1971 में भारतीय हवाई जहाज़ों ने मेरे स्कूल को उड़ा दिया था, जो लोग वहां काम करते थे वह सब मारे गए थे।' हेडली यहां 3 - 16 दिसंबर 1971 तक हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध का ज़िक्र कर रहा था। उस वक्त हेडली की उम्र 11 साल थी। पाकिस्तानी पिता और अमेरिकी मां के बेटे हेडली ने 16 साल की उम्र तक पाकिस्तान में पढ़ाई की जिसके बाद वह अमेरिका चला गया। मुबंई कोर्ट को उसने बताया कि 2002 में उसने लश्कर से हाथ मिलाया था। मुबंई पर 2008 में हमला करने से पहले हेडली ने अपनी कई यात्राओं के दौरान शहर का जायज़ा लिया था।
गहरे राज़ उगलता हेडली
हेडली ने अपने बयान में एक नया मोड़ लाते हुए मुंबई अदालत को बताया कि 26/11 आतंकी हमलों के कुछ हफ्ते बाद ही पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री यूसुफ रज़ा गिलानी उसके घर आए थे। हेडली ने सत्र अदालत के विशेष न्यायाधीश जी ए सनाप को बताया ‘यह कहना सही नहीं होगा कि पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने 26/11 हमले के एक महीने के बाद मेरे पिता के अंतिम संस्कार में शिरकत की थी। दरअसल, वह (गिलानी) इसके कुछ सप्ताह बाद हमारे पाकिस्तान स्थित घर आए थे।’
हेडली ने कहा कि उसके पिता पाकिस्तान रेडियो में महानिदेशक थे और वह लश्कर के साथ उसके संबंधों के बारे में जानते थे। हेडली ने कहा ‘मेरे पिता लश्कर-ए-तैयबा के साथ मेरे जुड़ाव के बारे में जानते थे और वह इससे खुश नहीं थे।’ हेडली से जब पूछा गया कि क्या यह सच है कि उसका सौतेला भाई डेनियल उसके लश्कर से संबंध के बारे में जानता था, तो हेडली ने सिर्फ इतना ही कहा कि डेनियल पाकिस्तान में नहीं रह रहा था।
'हां मैं बुरा आदमी हूं..'
2009 में हेडली को अमेरिका में गिरफ्तार कर लिया गया था और गारंटी दी गई थी कि अगर वह लश्कर के बारे में खुलासे करेगा तो उसे फांसी की सज़ा नहीं दी जाएगी। फरवरी में अमेरिका की एक अज्ञात जगह से वीडियो लिंक के ज़रिए कई दिनों तक चली गवाही के बाद अब मुबंई कोर्ट में उसे क्रॉस एक्ज़ाम किया जा रहा है।
हेडली ने क्रोस एग्जामिनेशन यह भी बताया कि वह अमेरिका में शिवसेना के लिए फण्ड रेजिंग प्रोग्राम करना चाहता था,
इसके लिए वह राजाराम रेघे से संपर्क में था। हेडली वहां शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे को भी ले जाना चाहता था लेकिन वहां उन पर हमले का कोई प्लान नहीं था। जब हेडली से एफबीआई और उसके बीच हुई डील से जुड़ा सवाल पूछा गया तो हेडली ने हिंदी में कहा 'हां मैं बहुत ख़राब आदमी हूँ मैंने मान लिया। आप कहेंगे तो फिर से मान लेता हूं लेकिन इससे आप साबित क्या करना चाहते हैं?'
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'मेरा स्कूल उड़ा दिया था..'
मुंबई कोर्ट में क्रॉस एक्ज़ाम के दौरान हेडली ने कहा कि 'मैं भारत से इसलिए नफरत करता था क्योंकि 1971 में भारतीय हवाई जहाज़ों ने मेरे स्कूल को उड़ा दिया था, जो लोग वहां काम करते थे वह सब मारे गए थे।' हेडली यहां 3 - 16 दिसंबर 1971 तक हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध का ज़िक्र कर रहा था। उस वक्त हेडली की उम्र 11 साल थी। पाकिस्तानी पिता और अमेरिकी मां के बेटे हेडली ने 16 साल की उम्र तक पाकिस्तान में पढ़ाई की जिसके बाद वह अमेरिका चला गया। मुबंई कोर्ट को उसने बताया कि 2002 में उसने लश्कर से हाथ मिलाया था। मुबंई पर 2008 में हमला करने से पहले हेडली ने अपनी कई यात्राओं के दौरान शहर का जायज़ा लिया था।
गहरे राज़ उगलता हेडली
हेडली ने अपने बयान में एक नया मोड़ लाते हुए मुंबई अदालत को बताया कि 26/11 आतंकी हमलों के कुछ हफ्ते बाद ही पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री यूसुफ रज़ा गिलानी उसके घर आए थे। हेडली ने सत्र अदालत के विशेष न्यायाधीश जी ए सनाप को बताया ‘यह कहना सही नहीं होगा कि पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने 26/11 हमले के एक महीने के बाद मेरे पिता के अंतिम संस्कार में शिरकत की थी। दरअसल, वह (गिलानी) इसके कुछ सप्ताह बाद हमारे पाकिस्तान स्थित घर आए थे।’
हेडली ने कहा कि उसके पिता पाकिस्तान रेडियो में महानिदेशक थे और वह लश्कर के साथ उसके संबंधों के बारे में जानते थे। हेडली ने कहा ‘मेरे पिता लश्कर-ए-तैयबा के साथ मेरे जुड़ाव के बारे में जानते थे और वह इससे खुश नहीं थे।’ हेडली से जब पूछा गया कि क्या यह सच है कि उसका सौतेला भाई डेनियल उसके लश्कर से संबंध के बारे में जानता था, तो हेडली ने सिर्फ इतना ही कहा कि डेनियल पाकिस्तान में नहीं रह रहा था।
'हां मैं बुरा आदमी हूं..'
2009 में हेडली को अमेरिका में गिरफ्तार कर लिया गया था और गारंटी दी गई थी कि अगर वह लश्कर के बारे में खुलासे करेगा तो उसे फांसी की सज़ा नहीं दी जाएगी। फरवरी में अमेरिका की एक अज्ञात जगह से वीडियो लिंक के ज़रिए कई दिनों तक चली गवाही के बाद अब मुबंई कोर्ट में उसे क्रॉस एक्ज़ाम किया जा रहा है।
हेडली ने क्रोस एग्जामिनेशन यह भी बताया कि वह अमेरिका में शिवसेना के लिए फण्ड रेजिंग प्रोग्राम करना चाहता था,
इसके लिए वह राजाराम रेघे से संपर्क में था। हेडली वहां शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे को भी ले जाना चाहता था लेकिन वहां उन पर हमले का कोई प्लान नहीं था। जब हेडली से एफबीआई और उसके बीच हुई डील से जुड़ा सवाल पूछा गया तो हेडली ने हिंदी में कहा 'हां मैं बहुत ख़राब आदमी हूँ मैंने मान लिया। आप कहेंगे तो फिर से मान लेता हूं लेकिन इससे आप साबित क्या करना चाहते हैं?'
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डेविड हेडली की गवाही, मुबंई कोर्ट, 26/11 आतंकी हमला, भारत-पाकिस्तान जंग, David Headley, Mumbai Court, 26/11 Mumbai Attack, India-Pak