
सीमा पर तनाव के बीच में भारत पर साइबर हमले भी बढ़ रहे हैं. ये हमले खासतौर पर सरकारी वेबसाइट और सेवाओं पर किए जा रहे हैं. बता दें कि पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर नाम से सुरक्षा अभियान शुरू किया था. इसके बाद पाकिस्तान की ओर से कई हमले किए गए और इस वजह से सीमा पर तनाव और भी ज्यादा बढ़ गया. ऐसे में अब दुश्मन देशों की साइबर टीमें भारत के डिजिटल सिस्टम पर भी हमला कर रही हैं.
हमलों में कई तरह के साइबर अटैक शामिल हैं-
- DDoS अटैक – जिससे सरकारी वेबसाइटें और सेवाएं ठप हो जाती हैं.
- डिजिटल डिफॉर्मेशन (विकृति) अभियान – जिससे सरकारी मंचों की छवि खराब हो रही है.
- फर्जी सरकारी फाइलों में मालवेयर – जो लोगों के कंप्यूटर और फोन में घुसकर डेटा चुरा सकते हैं.
- इन मालवेयर फाइलों को सरकारी दस्तावेजों की तरह दिखाया जा रहा है, ताकि लोग धोखे में आ जाएं.
एक बार खुलने पर ये फाइलें -
- डेटा चोरी करती हैं,
- सिस्टम पर निगरानी करती हैं,
- पूरे नेटवर्क को खतरे में डाल सकती हैं.
महाराष्ट्र राज्य साइबर विभाग लगातार इन घटनाओं पर नजर रख रहा है और समय-समय पर सावधानी की सलाह जारी कर रहा है. विभाग ने सभी संस्थानों और आम नागरिकों को अलर्ट किया है और सुरक्षा उपायों का पालन करने को कहा है.
नागरिकों को सलाह दी गई है कि
- अनजाने लिंक या अटैचमेंट कभी न खोलें.
- सिर्फ आधिकारिक स्रोतों से मिली फाइलों पर भरोसा करें.
- अपना एंटीवायरस अपडेट रखें और द्वि-चरणीय प्रमाणीकरण (2FA) का इस्तेमाल करें.
विभाग ने अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है कि वो सभी नागरिकों और डिजिटल ढांचे की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा.
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