नोएडा के सेक्टर 93ए स्थित ट्विन टावर्स को गिराया जा चुका है. इस टावर्स को काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च यानी CSIR के दो विभाग सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट और सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ माइनिंग एंड फ्यूल रिसर्च के 7 वैज्ञानिकों की देख रेख में ध्वस्त किया गया. CBRI (Central Building Research Institute) ने ही Edifice और jet जैसी दोनों कंपनियों का चयन भी किया. इन वैज्ञानिकों ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि सबसे बड़ा टास्क ये था कि Demolition Agency कौन सी हो.
इसी को लेकर निर्णय CBRI को करना था. 1400- 1500 टायर लॉरी का लगाया था. साथ ही गीली मिट्टी का इस्तेमाल करके इमेगमेंट बनाया था. गेल गैस की पाइपलाइन को नुकसान न हो इसको लेकर 5 mm thick स्टील शीट बिछाया था. Pre demolition structural audit किया और अब Post demolition भी supertech को ये ऑडिट स्ट्रक्चर को लेकर आस पास के टावर में करने हैं.
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ATS Village का जो 7-8 मीटर का दीवार का छोटा हिस्सा गिरा वो पहले से हमारे प्लान में था. कमिश्नर, सीईओ, डीएम सब चिंतित थे..ये बार बार मुझे पूछ रहे थे कानूनगो साहब आप OK हैं न.
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