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कैंसर पीड़ित बहन को क्रिकेटर आकाशदीप ने गिफ्ट की थी फॉर्च्यूनर, अब RTO ने की कार्यवाही, जानें क्या है विवाद

ट्रांसपोर्ट कमिश्नर बीएन सिंह ने बताया कि आकाशदीप को कार बेचने वाले डीलर पर बिना रजिस्ट्रेशन के कार बेचने के आरोप में कारण बताओ नोटिस भेजा है. साथ ही आकाशदीप की कार का 9 अगस्त को चालान भी काटा गया था.

कैंसर पीड़ित बहन को क्रिकेटर आकाशदीप ने गिफ्ट की थी फॉर्च्यूनर, अब RTO ने की कार्यवाही, जानें क्या है विवाद
  • क्रिकेटर आकाशदीप ने अपनी कैंसर पीड़ित बहन को रक्षाबंधन पर काले रंग की टॉप मॉडल फॉर्च्यूनर कार गिफ्ट की थी.
  • बिना रजिस्ट्रेशन कार बेचने के आरोप में आकाशदीप को कार बेचने वाले डीलर को नोटिस जारी किया है.
  • डीलर ने आकाशदीप को फैंसी नंबर के साथ हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट और टैक्स काटे बिना कार बेची थी.
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लखनऊ:

भारतीय क्रिकेटर टीम के तेज गेंदबाज आकाशदीप विवादों में घिर गए है. आकाशदीप ने रक्षाबंधन के दिन अपनी कैंसर पीड़ित बहन को उपहार में एक कार गिफ्ट की थी. काले रंग की टॉप मॉडल फॉर्च्यूनर कार को लखनऊ के एक डीलर से खरीदा गया था और यह खबर सोशल मीडिया पर भी छाई रही थी. हालांकि अब इसी कार को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. अब इस मामले में ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने कार्रवाई की है और क्रिकेटर को कार बेचने वाले डीलर को एक नोटिस भेजा गया है. वहीं क्रिकेटर से कार चलाने से मना किया गया है. 

ट्रांसपोर्ट कमिश्नर बीएन सिंह ने बताया कि आकाशदीप को कार बेचने वाले डीलर पर बिना रजिस्ट्रेशन के कार बेचने के आरोप में कारण बताओ नोटिस भेजा है. दरअसल, आकाशदीप ने इस कार के लिए UP32QW0041 का फैंसी नंबर लिया है. इस नंबर की हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट दी गई और टैक्स भी नहीं काटा गया. ऐसा करके डीलर ने मोटर वाहन एक्ट 2019 के धार 41(6) का दुरुपयोग किया है. 

ट्रैफिक पुलिस ने चालान भी काटा था

आकाशदीप की कार का 9 अगस्त को चालान भी काटा गया था, जिसका कारण बिना रजिस्‍ट्रेशन के सड़कों पर वाहन चलाना और गाड़ी पर डीलर का अस्थायी मार्क का नहीं होना बताया गया था.  

ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है. अब तक पता चला है कि डीलर ने इसके पहले एक और गाड़ी भी इसी तरह से बिना रजिस्‍ट्रेशन के बेची थी. उन्‍होंने बताया कि प्रदेश भर में ऐसे डीलर्स को चिन्हित करके कारण बताओ नोटिस और कुछ के ट्रेड लाइसेंस भी एक महीने तक निरस्त किए गए थे. इनमें से कई डीलर के जवाब संतोषजनक मिले थे. 

अब तक की जांच में क्‍या सामने आया?

अब तक की जांच में ये सामने आया है कि डीलर ने आकाशदीप को बिना रजिस्ट्रेशन, बिना HSRP, बिना थर्ड रजिस्ट्रेशन मार्क कार डिलीवर की. साथ ही पता चला है कि वाहन को 7 जुलाई को बेचा गया, लेकिन इसका इंश्‍योरेंस 8 जुलाई को किया गया. इस मामले में डीलर को 14 दिन में जवाब देने को कहा गया है. ऐसा नहीं करने पर उसका लाइसेंस निरस्‍त किया जाएगा.  
 

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