Supreme Court ने बिक्रम सिंह मजीठिया के FIR रद्द करने के अनुरोध पर विचार करने से इनकार किया

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया (Bikram Singh Majithia) की उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया जिसमें उनके खिलाफ पंजाब पुलिस द्वारा एनडीपीएस कानून के तहत दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया गया है.

Supreme Court ने बिक्रम सिंह मजीठिया के FIR रद्द करने के अनुरोध पर विचार करने से इनकार किया

राज्य के पूर्व मंत्री मजीठिया को शीर्ष अदालत ने 23 फरवरी तक गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया था.

नई दिल्ली :

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया (Bikram Singh Majithia) की उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया जिसमें उनके खिलाफ पंजाब पुलिस द्वारा एनडीपीएस कानून के तहत दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया गया है. न्यायालय ने मजीठिया को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में जाने की स्वतंत्रता दी. न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने मजीठिया की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से पूछा कि जब अन्य उपाय उपलब्ध हैं तो शीर्ष अदालत में संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत रिट याचिका दाखिल क्यों की गयी है ? पीठ ने कहा कि मजीठिया जमानत अर्जी समेत राहत पाने के लिए उच्च न्यायालय जा सकते हैं. उनकी जमानत अर्जी पर खंडपीठ सुनवाई करेगी.

पीठ ने कहा, ‘‘हम संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दाखिल याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं. याचिकाकर्ता को प्राथमिकी रद्द करने और जमानत के लिए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय की खंडपीठ में जाने की स्वतंत्रता है.''पंजाब सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता वी गिरि ने कहा कि विशेष अदालत और उच्च न्यायालय ने उनकी जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है.

उन्होंने कहा, ‘‘यदि अदालत पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय की खंडपीठ द्वारा मामले की सुनवाई का निर्देश दे रही है तो राज्य विरोध नहीं कर सकता.''राज्य के पूर्व मंत्री मजीठिया को शीर्ष अदालत ने 23 फरवरी तक गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया था. पंजाब विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ऐसा किया गया था और मजीठिया ने अमृतसर पूर्व सीट से चुनाव लड़ा था और हार गये. जमानत अर्जी खारिज होने के बाद इस समय वह पटियाला जेल में बंद हैं. मजीठिया शिअद नेता सुखबीर बादल के साले और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के भाई हैं.

पंजाब के पूर्व मंत्री पर राज्य में चल रहे एक ड्रग्स रैकेट की जांच की 2018 की रिपोर्ट के आधार पर एनडीपीएस अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था. मजीठिया पर धारा 25 (अपराध के लिए किसी के परिसर के इस्तेमाल की अनुमति देने के लिए सजा), 27 ए (बिक्री, खरीद, उत्पादन, निर्माण, कब्जा, परिवहन, उपयोग या उपभोग, आयात, और निर्यात या मादक पदार्थ से संबंधित कोई भी गतिविधि) और एनडीपीएस अधिनियम की धारा 29 (अपराध के लिए उकसाना या साजिश रचना). के तहत मामला दर्ज किया गया था.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)