कोर्ट परिसर में नारेबाजी करते हुए विक्रम चौहान।
नई दिल्ली:
दो दिन में यह दूसरा मौका है जब दिल्ली की एक कोर्ट में हिंसा और मारपीट की घटना हुई। इन दोनों घटनाओं में जो एक चेहरा कॉमन रहा, वह है विक्रम चौहान का। इस वकील ने फेसबुक पर बीजेपी नेताओं के साथ फोटो पोस्ट की हैं।
चौहान वकीलों के उस बड़े समूह का नेतृत्व कर रहे थे जो ध्वज और 'भारत माता की जय' और 'वंदे मातरम बोलना होगा' जैसे नारों के साथ कोर्ट परिसर पहुंचे थे। रिपोर्टरों से बात करते हुए चौहान ने कहा, 'वे लोग जो पाकिस्तान जिंदाबाद कहते हैं, हीरो बनाए जा रहे हैं जबकि हमें गुंडा कहा जा रहा है।' उन्होंने आरोप लगाया कि वकीलों का विरोध गुट उन पर हमला करने की कोशिश कर रहा हूं। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, 'वे हमें पीटने की कोशिश कर रहे हैं और हम प्रतिक्रिया तक नहीं दें?'
सोमवार को जब जब छात्र और पत्रकार, गिरफ्तार छात्र नेता कन्हैया कुमार के मामले की सुनवाई का इंतजार कर रहे थे, तब चौहान का नाम जेएनयू फेकल्टी पर हमला मामले में प्रमुखता से आया था। उन्हें एक शख्स को पकड़कर उसके साथ मारपीट और , 'राष्ट्र विरोधियों, पाकिस्तान जाओ' और 'भारत माता की जय' का नारा लगाते हुए सुना गया था। NDTV की सोनल मेहरोत्रा को भी उन्होंने अपना मोबाइल फोन सौंपने को कहा था। सोनल ने अपने मोबाइल से हिंसा के कुछ हिस्से को रिकॉर्ड कर लिया था। NDTV से बात करते हुए चौहान ने कहा, उन्होंने देश विरोधियों के खिलाफ एक विरोध मार्च आयोजित किया था लेकिन स्थितियां तब नियंत्रण से बाहर हो गईं जब जेएनयू के अध्यापकों ने वकीलों को उकसाया। विजुअल सबूतों के बावजूद उसके खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। बुधवार को चौहान को फिर कोर्ट में नारेबाजी करते हुए देखा गया।
चौहान वकीलों के उस बड़े समूह का नेतृत्व कर रहे थे जो ध्वज और 'भारत माता की जय' और 'वंदे मातरम बोलना होगा' जैसे नारों के साथ कोर्ट परिसर पहुंचे थे। रिपोर्टरों से बात करते हुए चौहान ने कहा, 'वे लोग जो पाकिस्तान जिंदाबाद कहते हैं, हीरो बनाए जा रहे हैं जबकि हमें गुंडा कहा जा रहा है।' उन्होंने आरोप लगाया कि वकीलों का विरोध गुट उन पर हमला करने की कोशिश कर रहा हूं। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, 'वे हमें पीटने की कोशिश कर रहे हैं और हम प्रतिक्रिया तक नहीं दें?'
सोमवार को जब जब छात्र और पत्रकार, गिरफ्तार छात्र नेता कन्हैया कुमार के मामले की सुनवाई का इंतजार कर रहे थे, तब चौहान का नाम जेएनयू फेकल्टी पर हमला मामले में प्रमुखता से आया था। उन्हें एक शख्स को पकड़कर उसके साथ मारपीट और , 'राष्ट्र विरोधियों, पाकिस्तान जाओ' और 'भारत माता की जय' का नारा लगाते हुए सुना गया था। NDTV की सोनल मेहरोत्रा को भी उन्होंने अपना मोबाइल फोन सौंपने को कहा था। सोनल ने अपने मोबाइल से हिंसा के कुछ हिस्से को रिकॉर्ड कर लिया था। NDTV से बात करते हुए चौहान ने कहा, उन्होंने देश विरोधियों के खिलाफ एक विरोध मार्च आयोजित किया था लेकिन स्थितियां तब नियंत्रण से बाहर हो गईं जब जेएनयू के अध्यापकों ने वकीलों को उकसाया। विजुअल सबूतों के बावजूद उसके खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। बुधवार को चौहान को फिर कोर्ट में नारेबाजी करते हुए देखा गया।
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