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This Article is From Oct 12, 2022

कफ सिरप विवाद: मेडेन फार्मा की जांच के लिए बनाई गई कमिटी, फिलहाल प्रोडक्शन पर रोक

इसी बीच हरियाणा स्टेट ड्रग्स कंट्रोलर ने मेडेन फार्मास्युटिकल्स के कच्चे माल की क्वालिटी टेस्टिंग के पैरामीटर्स पर सवाल उठाया है. इसके साथ ही कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. कंपनी से पूछा गया है कि क्यों न कंपनी का लाइसेंस रद्द कर दिया जाए?

कफ सिरप विवाद:  मेडेन फार्मा की जांच के लिए बनाई गई कमिटी, फिलहाल प्रोडक्शन पर रोक
गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत के बाद फार्मा कंपनी मेडेन फार्मास्युटिकल्स और इसके कप सिरप सवालों के घेरे में हैं.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ओर चेतावनी जारी किए जाने के बाद कफ सिरप बनाने वाली भारतीय दवा कंपनी मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड (Maiden Pharmaceuticals Limited) कंपनी सवालों के घेरे में है. सरकार ने मेडेन फार्मा की जांच के लिए एक्सपर्ट कमिटी बना दी है. यूके गुप्ता के नेतृत्व में कमिटी मेडेन फार्मा से जुड़े मामलों की जांच करेगी और सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी. जब तक रिपोर्ट नहीं आती, कंपनी का प्रोडक्शन बंद रहेगा. बता दें कि गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत के बाद फार्मा कंपनी मेडेन फार्मास्युटिकल्स और इसके कप सिरप सवालों के घेरे में हैं. कफ सिरप को लेकर विवाद बढ़ने के बाद 1, 3, 6 और 11 अक्टूबर को निर्माण परिसर का स्थानीय निरीक्षण किया गया. उसी बैच की दवाओं के सैंपल चंडीगढ़ लैब को भेजे गए हैं.

इसी बीच हरियाणा स्टेट ड्रग्स कंट्रोलर ने मेडेन फार्मास्युटिकल्स के कच्चे माल की क्वालिटी टेस्टिंग के पैरामीटर्स पर सवाल उठाया है. इसके साथ ही कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. कंपनी से पूछा गया है कि क्यों न कंपनी का लाइसेंस रद्द कर दिया जाए? 

एक हफ्ते में देना होगा नोटिस का जवाब
हरियाणा राज्य औषधि नियंत्रक अधिकारियों ने मेडेन फार्मा कंपनी में 12 उल्लंघनों को सूचीबद्ध तैयार किया है. राज्य औषधि नियंत्रक ने 7 अक्टूबर को कंपनी को जारी कारण बताओ नोटिस में आरोप लगाया कि कंपनी ने विवादास्पद कफ सिरप के निर्माण में प्रयुक्त कच्चे माल की क्वालिटी टेस्टिंग नहीं की. जारी नोटिस के अनुसार, मेडेन फार्मा कंपनी को 14 अक्टूबर तक जवाब देना होगा.

कच्चे माल की नहीं हुई क्वालिटी टेस्टिंग
नोटिस में कहा गया है कि कंपनी में दवा बनाने के उपयोग किए जाने वाले कच्चे माल की क्वालिटी टेस्टिंग नहीं की गई थी. विशेषज्ञों के अनुसार, प्रोपलीन ग्लाइकोल जिसका उपयोग दवाओं के निर्माण के लिए किया जाता है. उसमें दूषित पदार्थ डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल हो सकते हैं. विशेषजों के मुताबिक, इन दो जहरीले रसायनों को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा गांबिया में मौतों के संभावित कारणों के रूप में नामित किया गया है. WHO ने मेडेन फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड द्वारा बनाए गए चार कफ सीरप को लेकर एक अलर्ट जारी किया था.

हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री ने क्या कहा?
वहीं, हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि राज्य सरकार ने कंपनी के कफ सिरप उत्पादन पर रोक लगा दी है. उन्होंने कहा कि WHO की ओर से चिन्हित किए जाने के बाद सोनीपत की मेडेन फार्मास्युटिक्स के तीन कफ सिरप के सैंपल जांच के लिए कोलकाता की सेंट्रल ड्रग लैब में भेजे गए थे, जिसकी रिपोर्ट आना बाकी है, उसके बाद कार्रवाई की जाएगी.

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