भारत और चीन के बीच पिछले करीब तीन सालों से पूर्वी लद्दाख बॉर्डर पर लगातार तनाव बना हुआ है. इसे कम करने के लिए दोनों देशों की सेनाओं के बीच कोर कमांडर लेवल की 18वें दौर की बातचीत हुई है. करीब पांच महीने के बाद यह बातचीत चुशुल मोलडो में हुई. इससे पहले दोनों देशों के बीच पिछली मीटिंग दिसंबर में हुई थी. दोनों देशों के बीच हुई बातचीत के दौरान भारत की ओर से देपसांग प्लेन्स, देमचोक और सीमा पर डिसइंगेजमेंट का मुद्दा उठाया.
सूत्रों के मुताबिक, भारतीय पक्ष ने पूर्वी लद्दाख में यथास्थिति को बनाए रखने पर जोर दिया और कहा कि सीमा पर चीन आक्रामक तरीके से हालात को बदलने की कोशिश कर रहा है. साथ ही कहा कि चीन ने सीमा पर भारी मात्रा में हथियार और सैनिक तैनात कर रखे हैं.
बातचीत के दौरान दोनों पक्ष इस बात से सहमत हुए कि दोनों एक दूसरे के निकट संपर्क में रहेंगे. साथ ही सैन्य और कूटनीतिक संपर्क के जरिए दोनों पक्ष मान्य समझौते पर पहुंचने की कोशिश करेंगे.
हालांकि चीनी पक्ष सीमा पर विवादित मुद्दों को हल करने के तत्काल पक्ष में नहीं दिख रहा है.
उधर, चीन के रक्षा मंत्री शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की इसी महीने के अंत में होने वाली बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली आने वाले हैं. एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक का आयोजन 27 और 28 मई को किया जाएगा.
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