कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार ने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया है कि वह मेहदी मसरूर बिस्वास मामले में वोटबैंक की राजनीति कर रही है, इसी लिए सरकार की कोशिश मामले को रफा-दफा करने की है।
मेहदी मसरूर बिस्वास को आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के लिए ट्विटर के जरिये प्रोपेगंडा करने के आरोप में बेंगलुरु पुलिस ने हाल ही में गिरफ्तार किया था। वह अपने ट्विटर अकाउंट शमी विटनेस की वजह से सुर्ख़ियों में आया था।
मेहदी मसरूर बिस्वास मामले में लीपापोती की बात शहर के अपराध शाखा के संयुक्त आयुक्त हेमंत निंबालकर के तबादले के बाद उछली थी, क्योंकि उस मामले की जांच अपराध शाखा के डीसीपी उनकी देख रेख में ही कर रहे थे।
हेमंत निंबालकर को 31 दिसंबर 2014 को देर शाम क्राइम ब्रांच से हटाकर फायर और आपातकालीन सेवा का डीआईजी बना दिया गया।
हालांकि बीजेपी के आरोपों पर कर्नाटक के गृहमंत्री केजी जॉर्ज ने सफाई देते हुए कहा कि पुलिस कमिश्नर और डीसीपी का तबादला नहीं किया गया है और ना ही सरकार इस केस को वोट की राजनीति के लिए कमज़ोर करने की कोशिश की जा रही है।
गौरतलब है की मेहदी मसरूर पर पुलिस ने मित्र राष्ट्रों के खिलाफ युद्ध छेड़ने का मुकदमा दर्ज किया है और इसके साथ ही आईटी एक्ट की भी कुछ धाराएं लगाई हैं।
बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर एमएन रेड्डी ने दावा किया की जांच के दौरान यह पाया गया कि तक़रीबन 12 हज़ार ट्वीट्स के ज़रिये मेहदी मसरूर न सिर्फ आईएसआईएस से जुड़ने के लिए लोगों को उकसा रहा था, बल्कि कुछ ट्वीट्स से यह भी पता चलता है कि वह इराक़ में एक आईएसआईएस लड़ाके सीधे संपर्क में था और बल्कि उसे सेना की आवाजाही की जानकारी भी ट्वीट्स के ज़रिये लगातार दे रहा था।
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