विज्ञापन
This Article is From Sep 19, 2022

कूनो नेशनल पार्क में चीता छोड़ने पर विवाद, नाराज बिश्नोई समाज का धरना-प्रदर्शन शुरू; PM मोदी को लिखी चिट्ठी

अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के अध्यक्ष देवेंद्र बूड़िया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजकर इस बात पर नाराजगी जताई है कि मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क  में नामीबिया से लाए 8 चीतों की भूख मिटाने के लिए राजगढ़ के जंगल से 181 चीतल श्योपुर भेजे गए हैं. 

कूनो नेशनल पार्क में चीता छोड़ने पर विवाद, नाराज बिश्नोई समाज का धरना-प्रदर्शन शुरू; PM मोदी को लिखी चिट्ठी
बिश्नोई समाज के लोगों ने हरियाणा के फतेहाबाद में जिला कलेक्ट्रेट के बाहर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है.
फतेहाबाद (हरियाणा) :

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने जन्मदिन पर मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में नामीबिया से मंगाए चीतों को छोड़ने पर विवाद खड़ा हो गया है. जीवों की रक्षा के लिए सदैव आगे रहने वाले बिश्नोई समाज ने इस बात पर आपत्ति जताई है कि इन चीतों के भोजन के लिए  चीतल और हिरणों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया है. इस कदम के खिलाफ बिश्नोई समाज में गुस्सा है. इसी मामले को लेकर बिश्नोई समाज के लोगों ने हरियाणा के फतेहाबाद में जिला कलेक्ट्रेट के बाहर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है.

अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के अध्यक्ष देवेंद्र बूड़िया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजकर इस बात पर नाराजगी जताई है कि मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क  में नामीबिया से लाए 8 चीतों की भूख मिटाने के लिए राजगढ़ के जंगल से 181 चीतल श्योपुर भेजे गए हैं. 

देवेंद्र बूड़िया ने पीएम मोदी को भेजे पत्र में लिखा है कि भारत सरकार ने अपने नेतृत्व में नामीबिया से लाकर 8 चीतों को हिंदुस्तान के वनों में विलुप्त प्रजाति को पुनर्स्थापित करने के लिए छोड़ा है लेकिन उनके भोजन को तौर पर चीतल, हिरण इत्यादि पशुओं को जंगल में छोड़ने से बिश्नाई समाज बहुत आहत है. 

बता दें कि देश में 70 सालों बाद चीतों की वापसी हुई है. इससे पहले 1952 में देश से चीतों की प्रजाति के विलुप्त होने की खबर की पुष्टि हुई थी.
 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com