कांग्रेस महासचिवों की बैठक में फ़ैसला लिया गया है कि कांग्रेस दिल्ली में किसानों की महारैली करेगी। पार्टी के इस फैसले की जानकारी देते हुए कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा कि ये महारैली अप्रैल के दूसरे हफ्ते में होगी, हालांकि तारीख़ अभी तय नहीं है। इसे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी संबोधित करेंगी।
इस रैली का मक़सद भूमि अधिग्रहण कानून को बदलने की मोदी सरकार की कोशिशों का विरोध करना तो है ही साथ ही बेमौसम बरसात से फसलों की बरबादी के मुद्दे पर किसानों के साथ खड़ा होना है।
कांग्रेस पार्टी अपने अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में पिछलें कुछ हफ्तों से ज़मीन अधिग्रहण के मुद्दे पर सरकार को घेरने में लगी है। संसद के भीतर और बाहर वह विपक्षी दलों को भी साथ लेकर चलने की कोशिश कर रही है। भूमि अधिग्रहण के अलावा फसलों पर मौसम की मार की वजह से किसानों को उचित मुआवज़ा देने की लड़ाई में कांग्रेस उतर गई है। पिछले दो दिनों में सोनिया गांधी का राजस्थान और हरियाणा का दौरा और किसानों से मुलाक़ात इसी का नतीजा है।
संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण 20 अप्रैल से शुरू होगा। इसके ठीक पहले किसानों की बड़ी रैली कर कांग्रेस सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश करेगी। भूमि अधिग्रहण बिल लोकसभा में पास हो चुका है, लेकिन राज्यसभा में विपक्षी पार्टियां इसे सलेक्ट कमेटी में भेजने की मांग पर अड़ी है। सरकार के पास राज्यसभा में बहुमत न होने की वजह से इसे पास कराना मुश्किल है। सरकार ने नितिन गडकरी को इस पर सर्वानुमति बनाने का ज़िम्मा सौंपा है लेकिन कांग्रेस इस तरह की कोशिश को पहले ही खारिज कर चुकी है।
लोकसभा और कई राज्यों के चुनाव में अपनी ज़मीन खो चुकी कांग्रेस किसानों के मुद्दे को हाथ से जाने नहीं देना चाहती। अप्रैल की महारैली इसी सिलसिले में प्रदर्शनों की एक और कड़ी होगी।
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