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This Article is From May 30, 2019

TV डिबेट पर एक महीने के लिए नहीं जाएंगे कांग्रेस प्रवक्ता, मीडिया चैनलों से की ये खास अपील

वहीं दूसरी ओर चुनाव में मिली हार के कारण अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर अड़े राहुल गांधी को मनाने के लिए दिल्ली और राजस्थान सहित कांग्रेस की कई प्रदेश इकाइयों ने उनसे अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है.

TV डिबेट पर एक महीने के लिए नहीं जाएंगे कांग्रेस प्रवक्ता, मीडिया चैनलों से की ये खास अपील
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी.
नई दिल्ली:

कांग्रेस (Congress) ने पार्टी ने एक महीने के लिए अपने प्रवक्ता टीवी डिबेट में नहीं भेजने का फैसला किया है. इसके साथ ही कांग्रेस ने टीवी चैनलों से अपील की है कि वह अपने शो पर कोई भी पार्टी प्रतिनिधि को शामिल न करें. कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट करते हुए इसकी जानकारी दी है. सुरजेवाला ने ट्वीट किया है, 'कांग्रेस ने एक महीने के लिए पार्टी प्रवक्ताओं को टीवी डिबेट में नहीं भेजने का पैसला किया है. अभी मीडिया चैनलों और संपादकों से अपील है कि वे अपने शो में कांग्रेस के किसी भी प्रतिनिधि को शामिल न करें.' वहीं दूसरी ओर लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में मिली हार के कारण अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर अड़े राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को मनाने के लिए दिल्ली और राजस्थान सहित कांग्रेस की कई प्रदेश इकाइयों ने उनसे अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है.

हालांकि, सूत्रों का कहना है कि गांधी के रूख में कोई बदलाव नहीं आया है. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष शीला दीक्षित और पार्टी के कई नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने उनसे अपना फैसला बदलकर पार्टी का नेतृत्व जारी रखने का आग्रह किया है. डीपीसीसी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने गांधी के आवास पर एकत्र होकर राहुल गांधी के पक्ष में नारेबाजी भी की. दूसरी तरफ, राजस्थान, गोवा और हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस इकाइयों ने प्रस्ताव पारित कर आग्रह किया कि वह इस्तीफे की पेशकश वापस लें. वैसे, कांग्रेस नेताओं के एक धड़े के बीच यह चर्चा भी है कि अगर राहुल गांधी अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश से पीछे नहीं हटते हैं तो अगले कुछ दिनों के भीतर कोई अंतरिम व्यवस्था हो सकती है, हालांकि पार्टी की पूरी कोशिश होगी कि गांधी अपने पद पर बने रहें.

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25 मई को कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में गांधी ने इस्तीफे की पेशकश करते हुए यह भी कहा था कि वह अध्यक्ष नहीं रहते हुए भी पार्टी के लिए सक्रियता से काम करते रहेंगे. ऐसे में यह चर्चा भी है कि अध्यक्ष पद से मुक्त होने की स्थिति में उन्हें लोकसभा में कांग्रेस के नेता की जिम्मेदारी भी दी जा सकती है. कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने इस बारे में पूछे जाने पर ‘जो चर्चा और अटकलें चल रही हैं, वो फिलहाल अफवाहें ही हैं. पूरी स्थिति स्पष्ट होने के लिए अगले कुछ दिनों तक का इंतजार करना चाहिए.'

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उधर, राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कार्यकारिणी की बैठक में राहुल गांधी के त्यागपत्र की पेशकश स्वीकार नहीं करने संबंधी एक प्रस्ताव पारित किया गया. बैठक में 25 मई को नई दिल्ली में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में पारित प्रस्ताव का समर्थन किया गया. कांग्रेस महासचिव और राजस्थान के प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा कि प्रदेश कार्यकारिणी की यह बैठक प्रदेश के समस्त कांग्रेसजनों की भावनाओं के अनुरूप सर्वसम्मति से केन्द्रीय कार्यकारिणी में पारित प्रस्ताव का अनुमोदन करती है और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के प्रति पूर्ण विश्वास व्यक्त करते हुए उनसे (राहुल गांधी से) अनुरोध करती है कि वह हमें अपना प्रभावी नेतृत्व प्रदान करते रहें.

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