विज्ञापन
This Article is From Nov 12, 2020

स्वामी जी के दर्शन का मुख्य आधार है करुणा, ये प्रतिमा छात्रों में करुणा का भाव पैदा करेगी : पीएम मोदी

आज हर कोई अपनी विचार धारा पर गर्व है. लेकिन हमारी विचारधारा राष्ट्र के साथ खड़ी दिखनी चाहिए. राष्ट्र के खिलाफ कतई नहीं. 

स्वामी जी के दर्शन का मुख्य आधार है करुणा, ये प्रतिमा छात्रों में करुणा का भाव पैदा करेगी :  पीएम मोदी
नई दिल्ली:

देश के प्रतिष्ठित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekanand) की प्रतिमा का अनावरण किया. इस वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि यह प्रतिमा छात्रों में करुणा का भाव पैदा करेगी क्योंकि स्वामी विवेकानंद के दर्शन का मुख्य आधार ही करुणा था. 

प्रधानमंत्री मोदी ने जेएनयू में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद युवाओं को आह्वान किया कि कोई भी विचारधारा राष्ट्र के विरोध में नहीं होनी चाहिए. इमरजेंसी के दौर का उदाहरण देते हुए पीएम मोदी अपनी बात को आगे बढ़ाया.

विचारधारा राष्ट्र के साथ खड़ी दिखनी चाहिए
पीएम मोदी ने कहा कि आज हर किसी को अपनी विचारधारा पर गर्व है. लेकिन हमारी विचारधारा राष्ट्र के साथ खड़ी दिखनी चाहिए. राष्ट्र के खिलाफ कतई नहीं.  बापू के नेतृत्व में किसी को अपनी विचारधारा छोड़नी नहीं पड़ी. सब देश के साथ खड़े थे. आपातकाल में भी सब एकजुट थे. मैं भी उस आन्दोलन का हिस्सा था. उस आन्दोलन में कांग्रेस, जनसंघ और आरएसएस के लोग जेएनयू के लोग सभी साथ आकर राष्ट्रहित में इमरजेंसी के खिलाफ थे.

साबरमती ढाबे की बात 
पीएम मोदी ने कहा कि "जेएनयू में एक फेमस जगह है साबरमती ढाबा जहां सब लोग अपनी बौद्धिक भूख मिटाते है. अब एक और जगह मिल गई है. राष्ट्रहित से ज़्यादा अपने विचारधारा को आगे बढ़ाना सही नही है. राष्ट्र के खिलाफ कत्तई नही दिखनी चाहिए .देश के लिए महात्मा गांधी के समय भी समान विचार बने थे  इमरजेंसी के समय भी एकजुट होकर सब लोग लड़े थे. सबका उद्देश्य एक ही था राष्ट्रहित था. अलग से देश का नुकसान होता है. स्वार्थ की आड़ में विचारधारा चलाना गलत है."

पीएम ने आगे कहा, "स्वामी जी के भाषण के बाद अमेरिकी विद्वानों ने कहा था 21 वीं सदी भारत की है. इस भविष्यवाणी को सच करने की ज़िम्मेदारी हम सबकी है. आत्मनिर्भर बनने के लिए हम सभी जुट कर काम करें. रिफॉर्म्स को लेकर क्या क्या बातें हुईं. गुड रिफॉर्म्स को बैड पॉलिटिक्स माना जाता था. इस पर जेएनयू के छात्र रिसर्च करें."

यह भी पढ़ें- विवेकानंद को 'विवेक...का...मुंडन' कह गए डोनाल्ड ट्रंप, तो कॉमेडियन ने यूं उड़ाया मजाक...देखें Video

अपने संबोधन में पीएम ने आगे कहा, "सुरक्षा कवच बनाए जा रहे हैं. इसका आधार विश्वास है. किसानों के लिए सुधार भी इसी आधार पर किया गया. किसानों को लेकर सिर्फ चर्चा ही होती थीं. हमने मिट्टी जांच कार्ड, ऋण, सम्मान निधि, कृषि बीमा एमएसपी आदि बढ़ाए गए. सुरक्षा कवच मजबूत किए. किसानों की अपेक्षाओं को पूरा करने के बाद उनकी आकांक्षाओं को लेकर सरकार नीति और परियोजनाओं  को जमीन पर उतार रही है."

पीएम ने कहा, "गरीबों के लिए भी, अनकनेक्टेड लोगों के लिए भी सरकार कटिबद्ध है.  नेशनल एजुकेशन पॉलिसी भी उसी का हिस्सा है. कॉन्फिडेंस, कनविक्शन और केरेक्टर से भरे युवा भारत का निर्माण."

ये सिर्फ प्रतिमा नहीं, प्रेरणा स्रोत है : पीएम नरेंद्र मोदी

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com