
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता किसी दूसरे पर व्यक्तिगत प्रहार करने के लिए नहीं हो सकती है. न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ एक इंटरव्यू में सीएम योगी ने कॉमेडियन कुणाल कामरा विवाद और महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर उनकी टिप्प्णी पर प्रतिक्रिया देते हुए यह कहा. साथ ही सीएम योगी ने कहा कि दुर्भाग्य है कि कुछ लोगों ने देश का चीर हरण, विभाजन की खाई को और चौड़ी करने के लिए इस अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का इस्तेमाल करना अपना जन्मसिद्ध अधिकार मान लिया है
कुणाल कामरा ने सोमवार को पुलिस को कहा था कि उन्हें मजाक करने का कोई पछतावा नहीं है और वे केवल तभी माफी मांगेंगे जब अदालतें उन्हें ऐसा करने के लिए आदेश देंगी. साथ ही कामरा ने एनडीटीवी को बताया कि उन्हें तब से 500 धमकी भरे कॉल आ चुके हैं.
मुंबई के खार में हैबिटेट क्लब में शूट किए गए एक शो में कामरा ने 1997 की ब्लॉकबस्टर फिल्म 'दिल तो पागल है' के एक लोकप्रिय बॉलीवुड गाने 'भोली सी सूरत' की तर्ज पर शिंदे पर तंज कसा था.
लोकसभा चुनाव के दौरान विदेशी धन लगा था: CM योगी
इंटरव्यू के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस पर जमकर हमले बोले और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने "अरबपति जॉर्ज सोरोस के पैसे का इस्तेमाल" करके 2024 के लोकसभा चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश की, जबकि पार्टी की कर्नाटक सरकार के चार प्रतिशत मुस्लिम कोटा बिल को उन्होंने "बाबा साहब अंबेडकर के संविधान का अपमान" बताया.
सीएम योगी ने कहा, "उन्होंने (कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी दल ने) दुष्प्रचार फैलाया... उन्होंने न केवल इसे फैलाया, बल्कि इसमें विदेशी धन भी शामिल था. सोरोस ने बहुत पहले ही इसकी घोषणा कर दी थी..." उन्होंने रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि कारोबारी दिग्गज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को गिराने की कसम खाई थी.
उन्होंने कहा, "मैं कह रहा हूं कि देश भर में लोकसभा चुनाव के दौरान विदेशी धन लगा था, जिसमें कांग्रेस और भारत के अन्य दल प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल थे... इसके जरिए उन्होंने चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश की. यह देशद्रोह के बराबर है."
कर्नाटक सरकार के फैसले पर उठाए सवाल
सीएम योगी ने कर्नाटक सरकार के उस फैसले पर भी सवाल उठाया, जिसमें मुसलमानों को 4 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है.
सीएम योगी ने कहा, "कर्नाटक सरकार द्वारा धर्म के आधार पर आरक्षण यह बाबा साहब के द्वारा दिए गए संविधान का अपमान है. 1976 में इन्होंने संविधान के साथ क्या-क्या नहीं किया. गला घोंटने का काम किया था. कांग्रेस तो हमेशा करती रही है. डीके शिवकुमार वही कह रहे हैं जो उन्हें कांग्रेस की विरासत से मिला है."
भाजपा ने इस आरक्षण का विरोध करते हुए कहा कि धर्म आधारित आरक्षण संविधान के विरुद्ध है. हालांकि कांग्रेस ने इन चिंताओं को खारिज करते हुए कहा कि आरक्षण अल्पसंख्यक समुदायों के लिए एक बड़े कोटे का हिस्सा है.
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