दिल्ली नगर निगम (MCD) में एल्डरमैन यानी मनोनीत पार्षदों की नियुक्ति को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यापल विनय सक्सेना को चिट्ठी लिखी है. सीएम केजरीवाल ने अपनी चिट्ठी में मनोनीत पार्षदों की नियुक्ति को पूरी तरह से असंवैधानिक बताया है.उन्होंने उपराज्यपाल को लिखे अपने पत्र में कहा है कि आपने लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल को पूरी तरह से बाईपास किया है. आपने जिस तरह से इन नियुक्तियों को पूरा किया है उसे देखकर ऐसा लग रहा है कि दिल्ली सरकार के रोजाना के कामकाज में दखल देने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है. ये कहीं से भी सही नहीं है.
सीएम केजरीवाल ने आगे कहा कि इस तरह की कार्यवाही पूरी तरह से असंवैधानिक है और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के खिलाफ है. मैं आपसे बस इतना निवेदन करना चाहता हूं कि आपने जो 10 नामांकन किए हैं आप उनपर एक बार फिर विचार जरूर करें. और संविधान और सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ के आदेश का सम्मान करते हुए आप अपना ये आदेश वापस ले लें.
Wrote a letter to Hon'ble LG against the illegal and unconstitutional manner in which notification on aldermen has been done. pic.twitter.com/SdTVcujtGn
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) January 5, 2023
वहीं, दूसरी तरफ दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने इस मसले पर MCD कमिश्नर को पत्र लिखा है. उन्होंने अपने पत्र में कमिश्नर ज्ञानेश भारती को कहा है कि जिन 10 लोगों को नगर निगम में मनोनीत कर दिया गया, इस मामले में ना तो फाइल भेजने के लिए प्रक्रिया का पालन किया और ना हीं शहरी विकास मंत्री होने के नाते मेरे पास फाइल भेज गई. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि चुनी हुई सरकार को बाईपास करके यह काम किया गया है.10 लोगों पार्षद के रूप में ऐसे मनोनीत करना सुप्रीम कोर्ट के 2018 संवैधानिक पीठ के फैसले के खिलाफ है.
JUST IN ‼️
— AAP (@AamAadmiParty) January 5, 2023
▪️Shri @msisodia writes to MCD Commissioner over bypassing of elected State Government during Aldermen Nominations.
▪️Hon'ble Dy. CM directs him to desist from taking any further action in regard to swearing-in of the illegal nominees. pic.twitter.com/BsJc00fi4a
सिसोदिया ने आगे कहा कि संविधान में लोकल गवर्नमेंट राज्य सरकार का विषय बताया गया है जिसमें चुनी हुई दिल्ली सरकार का पूरा अधिकार है. ऐसे में यह सब देखते हुए आपसे कहना चाहता हूं कि अब इस मामले पर आप आगे ना बढ़ें और इन 10 लोगों के शपथ ग्रहण ना करवाएं.
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