कांग्रेस के झारखंड प्रभारी अविनाश पांडेय ने रविवार को कहा कि सांसद धीरज साहू से उनसे जुड़े परिसरों से बड़ी मात्रा में मिली नकदी को लेकर स्पष्टीकरण मांगा गया है. पांडेय ने इसके साथ ही स्पष्ट किया कि धीरज साहू का यह निजी मामला है और पार्टी का इससे कोई लेना देना नहीं है.
रांची के बिरसा मुंडा हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से बातचीत में पांडेय ने कहा, ‘‘वह कांग्रेस के सांसद हैं. उन्हें आधिकारिक बयान देकर बताना चाहिए कि इतनी बड़ी राशि उनके पास कैसे आई.''
उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी का रुख स्पष्ट है कि यह धीरज साहू का निजी मामला है जिसका कांग्रेस पार्टी से कोई लेना देना नहीं है.''
अधिकारियों ने बताया कि ओडिशा स्थित बौद्ध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड और उससे जुड़ी संस्थाओं के खिलाफ आयकर विभाग द्वारा की गई छापेमारी में अब तक भारी मात्रा में नकदी बरामद की गई है। उनके मुताबिक छापेमारी के दौरान साहू से जुड़े परिसरों की भी तलाशी ली गई.
आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को कहा कि जब्त की गई रकम 290 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है, यह किसी भी एजेंसी द्वारा एक ही अभियान में ‘अब तक की सबसे अधिक' नकद बरामदगी होगी.
पांडेय ने कहा कि आयकर विभाग ने छापेमारी और बरामदगी को लेकर अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन जिस तरह से पार्टी से जोड़कर आरोप लगाये जा रहे हैं, वह दुर्भाग्यपूर्ण है.
उन्होंने कहा, ‘‘जिस परिवार का 100 वर्षों से अधिक समय से व्यापारिक प्रतिष्ठान है और यह परिवार का संयुक्त व्यवसाय है. धीरज साहू तो बस कारोबार का एक हिस्सा हैं। लेकिन, साहू को यह स्पष्ट करना चाहिए कि इतनी बड़ी रकम उनके पास कैसे आई.''
कांग्रेस मुख्यालय में पांडेय ने आरोप लगाया कि देश में विपक्षी दलों को बदनाम करने की साजिश की जा रही है.
उन्होंने कहा, ‘‘ जिस दिन से झारखंड में बहुमत गठबंधन की सरकार सत्ता में आई है, तभी से भाजपा इसे अस्थिर करने की साजिश रच रही है. ऐसा सिर्फ झारखंड में ही नहीं, बल्कि देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चुनी गई सभी गैर-भाजपा सरकारों के खिलाफ ‘ऑपरेशन लोटस' के तहत साजिश की जा रही है. भाजपा किसी भी संवैधानिक मूल्यों की परवाह किए बिना खुलेआम ऐसा कर रही है.''
पांडेय के बयान पर पलटवार करते हुए भाजपा नेता और रांची से विधायक सी.पी.सिंह ने कहा, ‘‘कांग्रेस साहू से पीछा छुड़ाना चाहती है ताकि अपने बॉस को बचा सके। कांग्रेस सांसद साहू क्या निर्दलीय हैं. अगर वह निर्दलीय उम्मीदवार होते तो कह सकते थे, कि पार्टी का कोई लेना देना नहीं है.''
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