उन्होंने लिखा है, 'प्रिय सर्बानंद सोनोवाल, मैंने आपको कुछ दिन पहले आपको खत लिखा था. लगता है कि आप जवाब देने के लिए काले झंडे गिन रहे हैं.' उन्होंने यह बात उस संदर्भ में कही है, जहां राज्य में विरोध प्रदर्शन में काले झंडे दिखाए जा रहे हैं. उन्होंने साथ ही लिखा है, 'साल 2016 में मेरी आवाज का इस्तेमाल करके आपने जो वोट लिए थे, क्या मैं वे वोट वापस ले सकता हूं? मैं मेहनताना वापस करने के लिए तैयार हूं.'
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आठ जनवरी को गायक गर्ग ने चेताया था कि सीएम अगर बिल को खत्म करने के लिए सात दिनों के भीतर कोई कदम नहीं उठाते हैं तो वह प्रदर्शन करेंगे. सिंगर ने सीएम को संबोधित करते हुए एक भावुक पत्र सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था. उन्होंने कहा था, 'अगर नागरिकता बिल लोकसभा में पास भी हो गया तो सर्बानंद इसे ना कह सकते हैं. बोलो और देखो, बाकी बाद में देखा जाएगा. मैं अभी भी अपने को ठंडा रखा हुआ हूं. मैं एक सप्ताह के लिए असम में नहीं रहूंगा. अगर मेरी वापसी से पहले सर्बानंद कुछ कार्रवाई करे तो अच्छा रहेगा. अन्यथा इस बार, मैं अपने दम पर आंदोलन करूंगा. मैं क्या करूंगा, मुझे नहीं पता.' बता दें, राज्य के एक अन्य गायक, अंगारग महंता (पापोन) ने भी बिल का विरोध किया है, उन्होंने कहा है यह "असमिया भावनाओं" को आहत करता है.
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बता दें, नागरिकता (संशोधन) विधेयक के खिलाफ असम में प्रदर्शन लगातार जारी है. काजीरंगा विश्वविद्यालय की ओर जाने वाली सड़क को बाधित करने के प्रयास में सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया. मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल को वहां दीक्षांत समारोह के लिए जाना था. कृषक मुक्ति संग्राम समिति (केएमएसएस) और जातियताबंदी युवा छात्र परिषद (एजेवाईसीपी) के 100 से प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी की और काले झंडे दिखाए.
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हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस ने 100 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया. कार्यक्रम समाप्त होने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया. कार्बी आंगलांग जिले में सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग-36 को कुछ घंटों तक बाधित रखा. गोलपाड़ा के दुधोनी में राष्ट्रीय राजमार्ग 37 पर जोगी और कलिता समुदाय के लोगों ने विधेयक की प्रतियां जलाई.
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