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This Article is From Dec 19, 2019

CAA Protest: बेंगलुरू में प्रदर्शन के दौरान इतिहासकार रामचंद्र गुहा सहित 30 को पुलिस ने हिरासत में लिया

बेंगलुरू में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में प्रदर्शन के दौरान इतिहासकार रामचंद्र गुहा (Ramachandra Guha) सहित 30 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है.

बेंगलुरू:

नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) के खिलाफ आज (गुरुवार) देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं. दिल्ली में लाल किला के पास धारा 144 लगा दी गई है. प्रदर्शन कर रहे दर्जनों लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है. वहीं बेंगलुरु में मशहूर इतिहासकर व लेखक रामचंद्र गुहा (Ramachandra Guha) को पुलिस ने हिरासत में लिया है. यहां करीब 30 प्रदर्शनकारियों को भी हिरासत में लिया गया है.

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शनकारियों ने आज शहर में मार्च निकालने का फैसला किया था. बेंगलुरु पुलिस ने इस प्रदर्शन की मंजूरी नहीं दी थी. जिसके बाद सुबह से ही मुख्य सड़कों पर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई थी. रामचंद्र गुहा भी प्रदर्शनकारियों के साथ मार्च में शामिल हुए, जिसके बाद पुलिस ने गुहा सहित 30 लोगों को हिरासत में ले लिया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प भी हुई. फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है.

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कर्नाटक के कलबुर्गी में भी वामपंथी नेताओं और मुस्लिम संगठन से जुड़े नेताओं ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का विरोध किया. यहां विरोध कर रहे करीब 20 प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में लिया है. दूसरी ओर राजधानी दिल्ली के लाल किला इलाके में धारा 144 लागू होने के बाद भी सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी इस नए कानून का विरोध करने के लिए पहुंचे. दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी थी. जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने दर्जनों प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है.

नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment Bill) लोकसभा में 9 दिसंबर, 2019 को पास होने के बाद 11 दिसंबर, 2019 को राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने पेश किया जहां एक लंबी बहस के बाद यह बिल पास हो गया. इस बिल के पास होने के बाद यह नागरिकता संशोधन कानून बन गया. इस कानून के विरोध में असम, बंगाल समेत देश के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन तेज हो गए. 15 दिसंबर को इस कानून के विरोध में प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई. इस प्रदर्शन में कई छात्रों समेत पुलिस के कुछ जवान भी घायल हो गए. जामिया की घटना के अगले दिन 16 दिसंबर, 2019 को नागरिकता संशोधन कानून को लेकर सीलमपुर में जमकर प्रदर्शन हुए. इस प्रदर्शन के दौरान पथराव की घटना हुई. स्‍कूली बस पर भी पत्‍थर फेंके गए. इस प्रदर्शन में कुछ प्रदर्शनकारियों समेत पुलिस वाले भी घायल हुए. एक पुलिस चौकी को प्रदर्शनकारियों ने जला दिया. पुलिस ने हालात को काबू में किया और वहां चौकसी बढ़ा दी गई. 17 दिसंबर को देश के दूसरे हिस्‍सों में भी प्रदर्शन शुरू हो गए. जामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों के समर्थन में देश के कई यूनिवर्सिटी में भी प्रदर्शन हुए. कई यूनिवर्सिटी को 5 जनवरी, 2020 के लिए बंद कर दिया गया है और छात्रों से हॉस्‍टल खाली करा लिया गया. इस कानून के विरोध में दिल्‍ली के लाल किला पर लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. उधर जमा मस्जिद के इमाम ने कहा है कि इस कानून से देश के मुसलमानों को कोई लेना देना नहीं है. उन्‍हें नहीं डरना चाहिए. विरोध प्रदर्शन को देखते हुए 19 दिसंबर, 2019 को देश के कई हिस्‍सों में धारा 144 लागू कर दी गई है.   

उधर गृहमंत्री अमित शाह ने साफ कर दिया है कि चाहे जितना भी विरोध हो इस कानून को वापस नहीं लिया जाएगा. उनका कहना है कि यह कानून देश की जनता के लिए नहीं है, यह कानून उन अल्‍पसंख्‍यक लोगों के लिए है जो अफगानिस्‍तान, बांग्‍लादेश और पाकिस्‍तान में धार्मिक रूप से प्रताडि़त होकर भारत में शणार्थी के रूप में आए हैं.       

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