विज्ञापन
This Article is From Oct 26, 2015

कभी दाऊद का था खास, फिर उसका सबसे बड़ा दुश्‍मन बन गया राजन

कभी दाऊद का था खास, फिर उसका सबसे बड़ा दुश्‍मन बन गया राजन
छोटा राजन का नया पासपोर्ट कुछ ऐसा दिखता है
नई दिल्ली:

मुंबई के मराठी परिवार में जन्‍मे 55 वर्षीय राजन सदाशिव निखालजे उर्फ छोटा राजन ने अपने आपराधिक करियर की शुरुआत सिनेमा टिकट ब्‍लैक में बेचते हुए की। बाद में उसकी मुलाकात राजन महादेव नायर उर्फ बड़ा राजन से हुई, जिसके साथ छोटा राजन ने बिजनेस को आगे बढ़ाया। छोटा राजन भारत में हत्‍या, फिरौती और स्‍मगलिंग के मामलों में वांटेड है।   

बड़ा राजन के मारे जाने के बाद राजन निखलांजे को उसकी सल्‍तनत और 'छोटा राजन' नाम मिला। अपने आक्रामक तेवरों के कारण छोटा राजन ने अपराध जगत में कम समय में अपना नाम बना लिया। छोटा राजन का नाम एक बार फिर सुर्खियों में तब आया जब अंडरवर्ल्‍ड डॉन अरुण गवली और दाउद इब्राहिम का साथ उसे मिला।

एक समय दाउद के साथ उसके इतने अच्‍छे संबंध थे कि दाउद के साथ विश्‍वासघात करने वाले अमीरजादा नबाब खान को मारने की सुपारी इसने ली। 1993 के मुंबई दंगों के बाद दाउद और छोटा राजन का साथ टूट गया और वे एक-दूसरे के दुश्‍मन बन गए। (पढ़ें - इंडोनेशिया पुलिस के हत्थे चढ़ा छोटा राजन)

अंडरवर्ल्‍ड से जुड़े लोगों की मानें, तो काले धंधे के पैसे के बंटवारे को लेकर दाउद और छोटा राजन में मतभेद उभरने लगे थे। यह अस्सी दशक के अंतिम दौर की बात है। बाद में मुंबई में हुए विस्‍फोटों ने इन दोनों की दूरियां और बढ़ा दीं। इन विस्‍फोट के लिए मुख्य रूप से दाउद और टाइगर मेमन को दोषी माना गया।

एक समय साथ-साथ काम करने वाले इन दोनों की दुश्‍मनी इतनी बढ़ी कि डी कंपनी ने छोटा राजन की हत्या की कोशिश शुरू कर दी। बैंकॉक में छोटा राजन पर हमला भी हुआ, लेकिन वह बच गया। बाद में वह अस्‍पताल से भाग निकला था। जानकारी के अनुसार, छोटा राजन ने इस हमले का बदला भी लिया। इसके गैंग ने दाउद के दाहिने हाथ शरद शरद शेट्टी की कर दी थी।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com