चिंतन रिसर्च फाउंडेशन ने गुरुवार को अपना पहला स्थापना दिवस मनाया. इस अवसर पर पिछले एक साल में किए गए काम का व्यौरा पेश किया गया. इस अवसर पर देश के इस प्रमुख थिंक टैंक के प्रमुख शिशिर प्रियदर्शी ने एनडीटीवी से एक खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि हमें पूरे भारत के लिए एक तरह की नीतियां नहीं बनानी चाहिए, इसकी जगह हमें क्षेत्रों के आधार पर उन्हें बनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इन नीतियों में उस खास इलाके की समस्याओं के समाधान की बात की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि चिंतन रिसर्च फाउंडेशन को अपनी सोच और अनुसंधान को भारत के हर कोने में लेकर जाना है.
विकास का इंसान और समाज पर प्रभाव
प्रियदर्शी ने बताया कि वही काम ठीक होता है जिसका प्रभाव हर व्यक्ति के जीवन पर पड़े. उन्होंने कहा कि इस बात को हमें अपने जीवन का ध्येय नहीं बनाना चाहिए.उन्होंने कहा कि अदाणी ग्रुप का मोटो भी है, 'ग्रोथ विद, गुडनेस'.उन्होंने कहा कि विकास जरूरी तो है, लेकिन हम उस विकास को ऊंचे मुकाम पर रखते हैं,जिस विकास की वजह से एक आम व्यक्ति या एक आम गांव में उन्नति और तरक्की हो सके.
चिंतन रिसर्च फाउंडेशन के प्रमुख ने कहा कि भारत को विकसित भारत बनाने के लिए ऐसे थिंक टैंक की जरूरत है, जो सरकार की नीतियों की बहुत बारीकी से पड़ताल कर सकें. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सरकार की सकारात्मक आलोचना बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि केवल आलोचना के लिए आलोचना अच्छी बात नहीं है. उन्होंने कहा कि देश के विकास के लिए सरकार की नीतियों की सकारात्मक आलोचना एक जरूरी काम है. प्रियदर्शी ने कहा कि अर्थव्यवस्था को लेकर हमें संतुष्ट नहीं होना है और हमें इसे और आगे लेकर जाना है. उन्होंने कहा कि यही का चिंतन रिसर्च फाउंडेशन करेगा.
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