चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग तीन दिन के दौरे पर भारत पहुंच गए हैं। उन्होंने दिल्ली की बजाय गुजरात से अपनी भारत यात्रा की शुरुआत की रहे हैं, जिसे लेकर अहमदाबाद में शानदार तैयारी की गई है। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग किसी प्रमुख देश के शायद पहले राष्ट्राध्यक्ष हैं, जिनकी सरकारी भारत यात्रा गुजरात से शुरू हुई।
चीनी राष्ट्रपति अहमदाबाद एयरपोर्ट पहुंचे, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। शी को अहमदाबाद स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 'गार्ड ऑफ ऑनर' दिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हयात होटल में शी चिनफिंग के स्वागत के लिए मौजूद थे। हयात होटल में तीन सहमति पत्रों (एमओयू) पर दस्तखत किए गए। इनमें गुजरात में इंडस्ट्रियल पार्क और अहमदाबाद तथा चीन के शहर ग्वांग्झू के बीच हुआ 'सिस्टर सिटी' समझौता शामिल हैं। तीसरा समझौता ग्वांगडोंग और गुजरात राज्यों के बीच हुआ है।
चिनफिंग के भारत दौरे से पहले लद्दाख में सीमा पर गतिरोध पैदा हो गया। सूत्रों के मुताबिक भारत ने चीनी सैनिकों द्वारा चुमार सेक्टर में सड़क बनाने का विरोध किया है। सोमवार को दोनों देशों के बीच फ्लैग मीटिंग हुई थी, लेकिन 12 घंटे चली फ्लैग मीटिंग बेनतीजा रही।
चीनी राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान विवादास्पद सीमा मुद्दों को सुलझाने के अलावा व्यापार एवं निवेश बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। भारत को उम्मीद है कि शी की यात्रा से दोनों देशों के 'हितों व चिंताओं' का समाधान किया जाएगा और सीमा विवाद सहित द्विपक्षीय संबंधों के रास्ते में बाधा बन रहे सभी महत्वपूर्ण मुद्दों को निपटाया जाएगा।
भारत के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को बढ़ाने का इच्छुक चीनी पक्ष पहले ही संकेत दे चुका है कि वह शी की यात्रा के दौरान भारत के रेलवे, विनिर्माण, ढांचागत परियोजनाओं में अरबों डॉलर का निवेश करने की प्रतिबद्धता जाहिर करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत, चीन के साथ अधिक प्रगाढ़ संबंध चाहता है, लेकिन साथ ही 'चिंता के मुद्दों' पर प्रगति चाहता है। मोदी ने कहा कि इन चिंताओं के समाधान से संबंधों में माहौल बदलेगा।
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