चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने भारत और चीन के बीच रिश्ते को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने भारत के अपने अनौपचारिक दौरे के दौरान कहा कि ड्रैगन (चीन का प्रतीक) और हाथी (भारत का प्रतीक) का उल्लास मनाना ही चीन और भारत का एक मात्र सही विकल्प है, जो दोनों देशों और उनके लोगों के मौलिक हित में भी है. चिनफिंग ने कहा कि दोनों देशों के बीच मतभेदों को सही तरीके से देखा जाना चाहिए. साथ ही हमें द्विपक्षीय सहयोग के संपूर्ण हितों को कमजोर होने से बचाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें संवाद के माध्यम से आपसी समझ बनाने की कोशिश करनी चाहिए और मतभेदों को भी सुलझाना चाहिए. उनके अनुसार अगले कुछ साल दोनों ही देशों के बेहद अहम हैं. दोनों देशों के बीच 3488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सीमा विवाद के संबंध में उन्होंने कहा कि राजनीतिक मार्गदर्शक सिद्धांतों के अनुसार हमें सीमा मुद्दे का निष्पक्ष एवं तार्किक समाधान खोजना चाहिए, जो दोनों पक्षों को मंजूर हो.
महाबलीपुरम में पीएम मोदी और शी चिनफिंग की दो दिन की बातचीत के बाद शनिवार को सरकारी संवाद समिति शिन्हुआ ने एक रिपोर्ट जारी किया. इस रिपोर्ट में कहा गया कि दोनों नेताओं ने चीन-भारत संबंधों पर गहराई से विचारों का आदान-प्रदान किया और राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने इस दौरान कहा कि हमें एक दूसरे के मूल हितों से जुड़े मुद्दों को बड़ी सावधानी से लेना चाहिए. हमें उन समस्याओं का उपयुक्त ढंग से प्रबंधन और नियंत्रण करना चाहिए, जिन्हें फिलहाल सुलझाया नहीं जा सकता.
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शिन्हुआ के अनुसार दोनों नेताओं ने दोस्ताना और सहज माहौल में साझा हित के बड़े अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की. इस बैठक के दौरान शी चिनफिंग ने कहा कि पिछले साल वुहान में पीएम मोदी के साथ अपनी सफल बैठक के बाद चीन-भारत संबंध ने मजबूत एवं स्थिर विकास के नये चरण में कदम रखा है और इस बैठक के सकारात्मक प्रभाव लगातार उभरकर सामने आ रहे हैं. शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार शुक्रवार और शनिवार को अपने दूसरे अनौपचारिक सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी के साथ कई घंटों तक बातचीत करने वाले चीनी राष्ट्रपति ने विवादों को संबंधों पर प्रभाव डालने की अनुमति दिये बगैर संबंधों के निरंतर विकास के लिए छह सूत्री फार्मूले का प्रस्ताव दिया.
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शिन्हुआ ने शी चिनफिंग की तरफ से कहा कि पहले हमें एक दूसरे के विकास का सही अवलोकन करना चाहिए और आपस में रणनीतिक परस्पर विश्वास बढ़ाना चाहिए. शी ने कहा कि भले ही कोई भी दृष्टिकोण हो, लेकिन चीन और भारत को अच्छा पड़ोसी एवं साझेदार होना चाहिए, जो सद्भाव के साथ रहें और हाथ में हाथ डालकर आगे बढ़े. दोनों देशों के बीच मतभेदों को सही तरीके से देखा जाना चाहिए. हमें उसे द्विपक्षीय सहयोग के संपूर्ण हितों को कमजोर नहीं करने देना चाहिए. साथ ही, हमें संवाद के माध्यम से आपसी समझ बनाने की कोशिश करनी चाहिए तथा लगतार मतभेदों को सुलझाना चाहिए. अगले कुछ सालों को दोनों देशों के लिए अहम बताते हुए उन्होंने कहा कि दोनों देशों को दोस्ताना सहयोग के उज्ज्वल मार्ग पर जाना चाहिए और दोनों ऐसा कर सकते हैं.
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