नई दिल्ली:
चीनी सेना द्वारा भारतीय सीमा के भीतर दौलत बेग ओल्डी के निकट 19 किलोमीटर तक घुसपैठ के मसले पर भारत और चीन के बीच लद्दाख के चुंशुल में हुई तीसरी फ्लैग मीटिंग के बाद भी दोनों पक्षों के बीच का गतिरोध जस का तस बना हुआ है।
सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों की ओर से ब्रिगेडियर स्तर के अधिकारियों की यह बैठक सुबह 11 बजे शुरू हुई। तीन घंटे से ज्यादा लंबी चली इस बैठक के बावजूद इस मसले का कोई हल नहीं निकल पाया है। उन्होंने बताया कि पूर्वी लद्दाख में भारतीय धारणा के अनुसार वास्तविक नियंत्रण रेखा के निकट भारत द्वारा नवनिर्मित बंकरों और सड़क को नष्ट करने की मांग पर चीन अड़ा हुआ है। उन्होंने बताया कि इस बैठक में भारत ने भी अपना पक्ष साफ करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच हस्ताक्षरित सहमति पत्र के अनुसार चीनी सेना को बिना किसी शर्त के भारतीय सीमा से वापस जाना होगा।
वहीं, एकीकृत कमांडरों के सम्मेलन में रक्षा मंत्री एके एंटनी ने भी इस मसले पर सख्त रख अपनाते हुए कहा कि इस घुसपैठ के लिए भारत को दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए, क्योंकि यह ‘हमने नहीं किया है’। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भारत इस क्षेत्र में अपनी हितों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगा। वहीं, सूत्रों ने साथ ही बताया कि चीनी सेना के जवान इलाके में अब भी तंबू गाड़े हुए हैं।
सुरक्षा की समीक्षा के लिए एके एंटनी की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन व तीनों सेना प्रमुखों के साथ हुई बैठक में भी इस मसले पर विस्तार से चर्चा की गई।
इस मसले पर भारतीय और चीनी सेना के बीच हुई पहले की दो बैठकें भी बेनतीजा ही रही थीं। चीनी सेना ने क्षेत्र में अपनी मौजूदगी बढ़ाते हुए वहां नए तंबू बनाने शुरू कर दिए हैं। इस टुकड़ी को टकराव बिंदु से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चीनी सेना से रसद की आपूर्ति जारी है।
सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों की ओर से ब्रिगेडियर स्तर के अधिकारियों की यह बैठक सुबह 11 बजे शुरू हुई। तीन घंटे से ज्यादा लंबी चली इस बैठक के बावजूद इस मसले का कोई हल नहीं निकल पाया है। उन्होंने बताया कि पूर्वी लद्दाख में भारतीय धारणा के अनुसार वास्तविक नियंत्रण रेखा के निकट भारत द्वारा नवनिर्मित बंकरों और सड़क को नष्ट करने की मांग पर चीन अड़ा हुआ है। उन्होंने बताया कि इस बैठक में भारत ने भी अपना पक्ष साफ करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच हस्ताक्षरित सहमति पत्र के अनुसार चीनी सेना को बिना किसी शर्त के भारतीय सीमा से वापस जाना होगा।
वहीं, एकीकृत कमांडरों के सम्मेलन में रक्षा मंत्री एके एंटनी ने भी इस मसले पर सख्त रख अपनाते हुए कहा कि इस घुसपैठ के लिए भारत को दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए, क्योंकि यह ‘हमने नहीं किया है’। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भारत इस क्षेत्र में अपनी हितों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगा। वहीं, सूत्रों ने साथ ही बताया कि चीनी सेना के जवान इलाके में अब भी तंबू गाड़े हुए हैं।
सुरक्षा की समीक्षा के लिए एके एंटनी की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन व तीनों सेना प्रमुखों के साथ हुई बैठक में भी इस मसले पर विस्तार से चर्चा की गई।
इस मसले पर भारतीय और चीनी सेना के बीच हुई पहले की दो बैठकें भी बेनतीजा ही रही थीं। चीनी सेना ने क्षेत्र में अपनी मौजूदगी बढ़ाते हुए वहां नए तंबू बनाने शुरू कर दिए हैं। इस टुकड़ी को टकराव बिंदु से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चीनी सेना से रसद की आपूर्ति जारी है।
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