चीन की बंदरगाह पर बंधक बने भारतीय जहाजों को लेकर अब चीन की तरफ से प्रतिक्रिया सामने आयी है.चीन ने बुधवार को कहा कि फंसे भारतीय नाविकों के पीछे का "वास्तविक" कारण यह है कि "जहाज पर माल लेने जाने वाले वाणिज्यिक हितों के कारण अपनी योजना को खत्म नहीं करना चाहता है"भारत में चीनी दूतावास के प्रवक्ता काउंसलर जी रोंग ने भी कहा है कि चीनी अधिकारियों ने "किसी भी पोत के प्रस्थान से कभी इनकार नहीं किया है"
प्रवक्ता ने ट्विटर पर कहा, "चीनी अधिकारियों ने भारतीय पक्ष के साथ निकटता से संपर्क किया है और भारतीय नाविकों को समय पर सहायता और आवश्यक आपूर्ति प्रदान की है. चीन ने कभी भी किसी भी पोत के प्रस्थान करने से मना नहीं किया है. स्थिति का वास्तविक कारण फ्रेट फारवर्डर है जो वाणिज्यिक हितों के कारण योजनाओं को समायोजित नहीं करना चाहते हैं.”
Chinese authorities have been in close communication with Indian side&provided timely assistance&necessary supplies to Indian sailors.China has never denied any vessel departure.Real cause of situation is freight forwarder doesn't want to adjust plans due to commercial interests.
— Ji Rong (@ChinaSpox_India) December 30, 2020
इससे पहले भारत के पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री मनसुख मंडाविया ने बुधवार को कहा कि सरकार चीन में फंसे 39 भारतीय नाविकों को जल्द स्वदेश वापस लाएगी. इसके लिए पड़ोसी देश के साथ राजनयिक स्तर पर बातचीत जारी है.चीन में दो मालवाहक जहाज फंस गए हैं. इनमें कुल 39 भारतीय नाविक सवार हैं. इन जहाजों को वहां अपना सामान उतारने की अनुमति नहीं दी गयी थी जबकि कुछ अन्य जहाज ऐसा करने में सफल रहे.
मंत्रिमंडल के निर्णयों से प्रेस को अवगत कराने के लिए बुलायी गयी प्रेस वार्ता में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘ इस मामले में कूटनीतिक बातचीत सफलतापूर्वक जारी है. हमारे नाविक जल्द भारत लौटेंगे.'' यह नाविक चीन में पिछले सात महीने से फंसे हैं. चीन ने 25 दिसंबर को कहा था कि चीनी बंदरगाहों पर फंसे भारतीय नाविकों के मामले और उसके भारत एवं ऑस्ट्रेलिया के साथ तनावपूर्ण संबंधों का आपस में कोई लेना-देना नहीं है.
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