डोकलाम के बाद ऐसा लग रहा है सीमा पर चीन फिर से कुछ हरकत करने की कोशिश कर रहा है. कुछ दिन पहले ही भारतीय सीमा के पास तिब्बत में उसने हल्के टैंक तैनात किए हैं. अब खबर मिली है कि उसने वाहनों में तैनात होवित्जर्स तोपें और सैनिक हिमालय के इलाके में तैनात कर दिए हैं. इन तोपों की तैनाती का मकसद लड़ाई की क्षमता को बढ़ाना है. इस बात की जानकारी आधिकारिक मीडिया से मिली है. चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, चीन की सेना तिब्बत के स्वायत्त इलाके में होवित्जर्स तोपों के साथ तैनात है. इसका मकसद लड़ाई की क्षमता और सीमा की सुरक्षा को बढ़ाना है. अखबार ने सेना के हवाले से लिखा है कि इन हल्के टैंकों का इस्तेमाल 2017 में डोकलाम में भारतीय सेना के साथ हुए आमना-सामना के दौरान अर्टिलेरी ब्रिगेड में इस्तेमाल किया गया था. चीन के रक्षा विशेषज्ञ ने अखबार को बताया कि होवित्जर्स की क्षमता 50 किलोमीटर तक मार करने की है जो लेजर और सैटलाइट गाइडेड है. इन तोपों को पहाड़ों में अच्छे से इस्तेमाल किया जा सकता है.
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इन तोपों के साथ कुछ दिन पहले चीन की सेना तिब्बत इलाके में अभ्यास भी कर चुकी है. आपको बता दें कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि सेना को अपनी तैयार रहने को कहा था. चीन के रक्षा विशेषज्ञों का मनाना है कि सीमा से जुड़े मुद्दे अभी तक सुलझाए नहीं जा सके हैं इसके साथ ही तिब्बत आजादी की मांग करने वाले समूहों और आतंकवादियों का खतरा बना हुआ है.
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गौरतलब है कि साल 2017 में डोकलाम के मुद्दे को लेकर भारत और चीन की सेना दो महीने तक आमने-सामने थी और सीमा पर तनाव लगातार बढ़ता जा रहा था. हालांकि इस बीच कूटनीतिक रास्तों से भी मामला सुलझाने कोशिश जा रही. लेकिन चीन की ओर से लगातार 'देख लेने' तक की धमकी दी जाती रही.
डोकलाम में चीनी जमावड़ा बढ़ा
इनपुट : पीटीआई
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