19 फरवरी को कलिखो पुल ने ली थी शपथ
इटानगर:
अरुणाचल प्रदेश के नए मुख्यमंत्री कलिखो पुल ने गुरुवार को राज्य विधानसभा में 40 विधायकों के समर्थन से अपना बहुमत साबित किया। इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक वांकी लोवांग को सर्वसम्मति से विधानसभा का अध्यक्ष निर्वाचित किया गया।
जिन 40 विधायकों ने पुल को समर्थन दिया उनमें 27 कांग्रेस के, 11 भाजपा के और दो निर्दलीय विधायक हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री नाबाम टुकी खेमे के जो नौ विधायक बुधवार को पुल के खेमे में आए थे उन्होंने उनके पक्ष में मतदान किया। विधानसभा अध्यक्ष ने मतदान नहीं किया।
नाबाम टुकी के प्रति निष्ठा रखने वाले 17 कांग्रेसी विधायक कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक (टुकी समूह) राजेश ताको द्वारा व्हिप जारी किए जाने के बाद अनुपस्थित थे। ताको ने पार्टी विधायकों को पुल के समर्थन में मतदान से अनुपस्थित रहने का निर्देश दिया था। बहरहाल, कांग्रेस विधायक दल (पुल खेमे) के पेमा खांडू ने एक अन्य व्हिप जारी कर पार्टी विधायकों को नए मुख्यमंत्री के पक्ष में मतदान करने का निर्देश दिया था।
पुल ने 19 फरवरी को शपथ ली थी जब राज्य से राष्ट्रपति शासन हटाया गया था।
उन्होंने अपना बहुमत साबित करने लिए वांकी लोवांग को नया विधानसभा अध्यक्ष निर्वाचित किए जाने के तत्काल बाद सदन में विश्वास मत प्रस्ताव पेश किया।
पिछले साल भाजपा सदस्यों ने सदन में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष नाबाम रेबिया के खिलाफ महाभियोग चलाने का प्रस्ताव पेश किया था। फिर 16 और 17 दिसंबर को कांग्रेस के 21 असंतुष्ट विधायकों, भाजपा के 11 विधायकों और दो निर्दलीय सदस्यों ने रेबिया के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए एक प्रस्ताव पारित कर दिया था जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष का पद रिक्त हो गया था। अरुणाचल प्रदेश विधानसभा के 58 सदस्यीय सदन में 40 विधायकों ने लोवांग का समर्थन किया। अशांत तिरप जिले की नामसैंग विधानसभा का प्रतिनिधित्व करने वाले लोवांग का स्वागत करते हुए पुल ने उन्हें ‘अनुभवी व्यक्ति और विधानसभा की कार्यवाही का जानकार’ बताया।
पुल ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने के लिए कई बार प्रयास किए गए लेकिन मुलाकात के लिए समय देने से इंकार कर दिया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने पार्टी आलाकमान से नेतृत्व परिवर्तन का आग्रह किया लेकिन कांग्रेस पार्टी के खिलाफ कुछ नहीं किया। हमारी सरकार कांग्रेस की सरकार है जिसे बाहर से भाजपा और दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन है।’’ पुल ने बहुमत होने के टुकी के दावे का मजाक उड़ाते हुए कहा कि जिसके पास बहुमत है वह सरकार बना सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘58 सदस्यीय सदन में सरकार बनाने के लिए 30 विधायकों की जरूरत है और हमारे पास 41 विधायकों का समर्थन है। कांग्रेस विधायक दल का नेता बनने के लिए 23 सदस्यों की जरूरत है और मेरे साथ 28 सदस्य हैं।’’ टुकी की आलोचना करते हुए नए मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती शासन में कोई आम सहमति नहीं होती थी क्योंकि उन्होंने (टुकी ने) निरंकुश तरीके से सरकार चलाई और राज्य की वित्तीय हालत बिगड़ गई।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
जिन 40 विधायकों ने पुल को समर्थन दिया उनमें 27 कांग्रेस के, 11 भाजपा के और दो निर्दलीय विधायक हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री नाबाम टुकी खेमे के जो नौ विधायक बुधवार को पुल के खेमे में आए थे उन्होंने उनके पक्ष में मतदान किया। विधानसभा अध्यक्ष ने मतदान नहीं किया।
नाबाम टुकी के प्रति निष्ठा रखने वाले 17 कांग्रेसी विधायक कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक (टुकी समूह) राजेश ताको द्वारा व्हिप जारी किए जाने के बाद अनुपस्थित थे। ताको ने पार्टी विधायकों को पुल के समर्थन में मतदान से अनुपस्थित रहने का निर्देश दिया था। बहरहाल, कांग्रेस विधायक दल (पुल खेमे) के पेमा खांडू ने एक अन्य व्हिप जारी कर पार्टी विधायकों को नए मुख्यमंत्री के पक्ष में मतदान करने का निर्देश दिया था।
पुल ने 19 फरवरी को शपथ ली थी जब राज्य से राष्ट्रपति शासन हटाया गया था।
उन्होंने अपना बहुमत साबित करने लिए वांकी लोवांग को नया विधानसभा अध्यक्ष निर्वाचित किए जाने के तत्काल बाद सदन में विश्वास मत प्रस्ताव पेश किया।
पिछले साल भाजपा सदस्यों ने सदन में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष नाबाम रेबिया के खिलाफ महाभियोग चलाने का प्रस्ताव पेश किया था। फिर 16 और 17 दिसंबर को कांग्रेस के 21 असंतुष्ट विधायकों, भाजपा के 11 विधायकों और दो निर्दलीय सदस्यों ने रेबिया के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए एक प्रस्ताव पारित कर दिया था जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष का पद रिक्त हो गया था। अरुणाचल प्रदेश विधानसभा के 58 सदस्यीय सदन में 40 विधायकों ने लोवांग का समर्थन किया। अशांत तिरप जिले की नामसैंग विधानसभा का प्रतिनिधित्व करने वाले लोवांग का स्वागत करते हुए पुल ने उन्हें ‘अनुभवी व्यक्ति और विधानसभा की कार्यवाही का जानकार’ बताया।
पुल ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने के लिए कई बार प्रयास किए गए लेकिन मुलाकात के लिए समय देने से इंकार कर दिया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने पार्टी आलाकमान से नेतृत्व परिवर्तन का आग्रह किया लेकिन कांग्रेस पार्टी के खिलाफ कुछ नहीं किया। हमारी सरकार कांग्रेस की सरकार है जिसे बाहर से भाजपा और दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन है।’’ पुल ने बहुमत होने के टुकी के दावे का मजाक उड़ाते हुए कहा कि जिसके पास बहुमत है वह सरकार बना सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘58 सदस्यीय सदन में सरकार बनाने के लिए 30 विधायकों की जरूरत है और हमारे पास 41 विधायकों का समर्थन है। कांग्रेस विधायक दल का नेता बनने के लिए 23 सदस्यों की जरूरत है और मेरे साथ 28 सदस्य हैं।’’ टुकी की आलोचना करते हुए नए मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती शासन में कोई आम सहमति नहीं होती थी क्योंकि उन्होंने (टुकी ने) निरंकुश तरीके से सरकार चलाई और राज्य की वित्तीय हालत बिगड़ गई।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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