‘बिकनी किलर’ नाम से कुख्यात चार्ल्स शोभराज नेपाल की जेल से 19 साल बाद रिहा

शीर्ष अदालत ने सरकार को आदेश दिया था कि चार्ल्स शोभराज को उस देश में 15 दिन के अंदर प्रत्यर्पित किया जाए, जिसने उसे पासपोर्ट जारी किया था, बशर्ते कि वह कुछ अन्य मामलों में वांछित नहीं हो.

‘बिकनी किलर’ नाम से कुख्यात चार्ल्स शोभराज नेपाल की जेल से 19 साल बाद रिहा

चार्ल्स शोभराज को नेपाल की शीर्ष अदालत के आदेश पर शुक्रवार को कारागार से रिहा कर दिया गया.

19 साल तक जेल में रहने के बाद कुख्यात अपराधी चार्ल्स शोभराज को नेपाल की शीर्ष अदालत के आदेश पर शुक्रवार को कारागार से रिहा कर दिया गया. भारतीय और वियतनामी माता-पिता के फ्रांसीसी मूल के बेटे शोभराज की रिहाई के संबंध में कागजी प्रक्रिया पूरी करने के लिए उसे आव्रजन अधिकारियों के सुपुर्द कर दिया गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

न्यायमूर्ति सपना प्रधान मल्ला और न्यायमूर्ति तिलक प्रसाद श्रेष्ठ की संयुक्त पीठ ने बुधवार को 78 वर्षीय शोभराज की जेल से रिहाई का आदेश दिया था. उसकी रिहाई में एक दिन की देरी हुई है. आव्रजन अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को उसे रखने के लिए जगह की कमी का हवाला देते हुए शुक्रवार तक रिहाई स्थगित करने का अनुरोध किया था.

शीर्ष अदालत ने सरकार को आदेश दिया था कि शोभराज को उस देश में 15 दिन के अंदर प्रत्यर्पित किया जाए, जिसने उसे पासपोर्ट जारी किया था, बशर्ते कि वह कुछ अन्य मामलों में वांछित नहीं हो.

‘बिकनी किलर' नाम से कुख्यात शोभराज 1975 में नेपाल में अमेरिकी महिला कॉनी जो ब्रोंजिक की हत्या के सिलसिले में 2003 से काठमांडू की जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा था. उसे 2014 में कनाडाई पर्यटक लॉरेंट कैरियर की हत्या का दोषी ठहराया गया और दूसरी उम्रकैद की सजा सुनाई गई. नेपाल में उम्रकैद की सजा का मतलब 20 साल का कारावास है.

शोभराज ने एक याचिका दाखिल कर दावा किया था कि उसे जरूरत से अधिक समय तक जेल में रखा गया है. इसके बाद शीर्ष अदालत की खंडपीठ ने यह आदेश सुनाया. जेल में 75 प्रतिशत सजा पूरी कर चुके और इस दौरान अच्छा चरित्र दर्शाने वाले कैदियों को रिहा करने का कानूनी प्रावधान है.

शोभराज ने अपनी याचिका के माध्यम से दावा किया था कि उसने नेपाल में वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली छूट को देखते हुए जेल की सजा पूरी कर ली है. उसने दावा किया कि वह अपनी 20 साल की सजा में से 19 साल जेल में रह चुका है और अच्छे व्यवहार के लिए उसकी रिहाई की सिफारिश की जा चुकी है.

शोभराज को अगस्त 2003 में काठमांडू के एक कैसिनो में देखा गया था और गिरफ्तार कर लिया गया थी. उस पर मुकदमा चलाया गया और हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गईं.

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