पीड़िता ने बताया कि पुलिस को मेरी आवाज से समझ में आ गया था कि कि मैं कितनी घबराई हुई हूं....
नई दिल्ली:
हरियाणा बीजेपी के अध्यक्ष सुभाष बराला के बेटे विकास बराला और उसके एक साथी को एक लड़की का पीछा करने और छेड़खानी के आरोप में गिरफ़्तार करने और थाने से ही ज़मानत दिए जाने पर सवाल उठ रहे हैं. पीड़ित लड़की का आरोप है कि विकास बराला और उसका दोस्त आशीष कुमार एक पेट्रोल पंप से ही उनकी कार का पीछा कर रहे थे और फिर उन्होंने कार को रोकने की कोशिश भी की. दो बार इनमें से एक आदमी अपनी गाड़ी से निकला और गाड़ी में उसकी तरफ़ की खिड़की को बाहर से हाथ से मारा और दरवाज़ा खोलने की कोशिश की. इसी दौरान लड़की के कई बार फोन करने पर पुलिस वहां पहुंची और दोनों लड़कों को गिरफ़्तार कर लिया.
पुलिस ने आरोपियों के ख़िलाफ़ गाड़ी का पीछा करने और शराब के नशे में गाड़ी चलाने का आरोप दर्ज किया है. दोनों को ही ज़मानत पर रिहा कर दिया गया है. पुलिस का कहना है कि अपहरण का आरोप इसलिए नहीं लगाया गया क्योंकि लड़की के अपने बयान में ये आरोप नहीं लगाया है. उधर, लड़की का कहना है कि एक प्रभावशाली परिवार से आने के कारण आरोपियों को लगता है कि वो किसी के साथ कुछ भी कर सकते हैं.
पढ़ें: हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष को उनके बेटे के अपराध के लिए सजा नहीं दे सकते : सीएम खट्टर
NDTV से बातचीत में पीड़िता ने बताया कि तंग करने वालों के बैकग्राउंड के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं थी. पीड़ित ने कहा कि मैंने कोशिशि की कि उन्हें पता चले कि वो जो चाहें नहीं कर सकते. पुलिस को मेरी आवाज से समझ में आ गया था कि कि मैं कितनी घबराई हुई हूं. पुलिस ने हर संभव मेरी मदद की. पुलिस को फोन नहीं करती तो क्या करती. मुश्किल में पुलिस को फोन करना चाहिए. पुलिस ने भी अपनी आंखों से देखा कि वे क्या कर रहे थे.
पढ़ें: मैं खुशकिस्मत हूं कि मेरा रेप नहीं हुआ, न ही मैं मरी पाई गई... : हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष के बेटे पर आरोप लगाने वाली पीड़ित
पीड़िता ने बताया कि पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की. जमानत पर मैं ज्यादा कुछ नहीं कह सकती. पता चलना चाहिए कि इस तरह के लोग मनमानी नहीं कर सकते. ऐसा करने वालों को सजा मिलनी चाहिए. लड़कियों को रहना होगा ऐसी परिस्थितियों के लिए पहले से तैयार रहना होगा.
VIDEO : पीड़िता ने सुनाई आपबीती
उसने कहा कि अगर पुलिस समय पर न पहुंचती तो कुछ भी हो सकता था. मेरी फेसबुक पोस्ट का सबसे बड़ा प्वॉइंट यही था कि वो यह न समझे कि लड़की के साथ उसकी मर्जी के बिना कुछ भी किया जा सकता है. मैंने गाड़ी का नंबर नोट करने की कोशिश की. मेरा मानना है कि लड़कियों को अपने साथ कोई वैपन भी रखना चाहिए.
पुलिस ने आरोपियों के ख़िलाफ़ गाड़ी का पीछा करने और शराब के नशे में गाड़ी चलाने का आरोप दर्ज किया है. दोनों को ही ज़मानत पर रिहा कर दिया गया है. पुलिस का कहना है कि अपहरण का आरोप इसलिए नहीं लगाया गया क्योंकि लड़की के अपने बयान में ये आरोप नहीं लगाया है. उधर, लड़की का कहना है कि एक प्रभावशाली परिवार से आने के कारण आरोपियों को लगता है कि वो किसी के साथ कुछ भी कर सकते हैं.
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NDTV से बातचीत में पीड़िता ने बताया कि तंग करने वालों के बैकग्राउंड के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं थी. पीड़ित ने कहा कि मैंने कोशिशि की कि उन्हें पता चले कि वो जो चाहें नहीं कर सकते. पुलिस को मेरी आवाज से समझ में आ गया था कि कि मैं कितनी घबराई हुई हूं. पुलिस ने हर संभव मेरी मदद की. पुलिस को फोन नहीं करती तो क्या करती. मुश्किल में पुलिस को फोन करना चाहिए. पुलिस ने भी अपनी आंखों से देखा कि वे क्या कर रहे थे.
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पीड़िता ने बताया कि पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की. जमानत पर मैं ज्यादा कुछ नहीं कह सकती. पता चलना चाहिए कि इस तरह के लोग मनमानी नहीं कर सकते. ऐसा करने वालों को सजा मिलनी चाहिए. लड़कियों को रहना होगा ऐसी परिस्थितियों के लिए पहले से तैयार रहना होगा.
VIDEO : पीड़िता ने सुनाई आपबीती
उसने कहा कि अगर पुलिस समय पर न पहुंचती तो कुछ भी हो सकता था. मेरी फेसबुक पोस्ट का सबसे बड़ा प्वॉइंट यही था कि वो यह न समझे कि लड़की के साथ उसकी मर्जी के बिना कुछ भी किया जा सकता है. मैंने गाड़ी का नंबर नोट करने की कोशिश की. मेरा मानना है कि लड़कियों को अपने साथ कोई वैपन भी रखना चाहिए.
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