वर्णिका कुंडु का आरोप है कि विकास बहल ने कथित तौर पर उसकी कार क पीछा किया था..
चंंडीगढ़:
हरियाणा बीजेपी के अध्यक्ष सुभाष बराला के बेटे विकास बराला के ख़िलाफ़ छेड़खानी के आरोप का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. हरियाणा बीजेपी की खूब किरकिरी हो रही है. इस मुद्दे पर पार्टी भी दो खेमों में बंटती जा रही है. एक गुट चाहता है कि पार्टी की छवि बेदाग बनाए रखने के लिए बराला इस्तीफा दें. वहीं, एक धड़ा उनके समर्थन में है. इसी बीच प्रदेश उपाध्यक्ष रामवीर भट्टी का एक विवादित बयान भी सामने आया है. इसमें उन्होंने पीड़िता पर ही सवाल खड़े करते हुए पूछा कि वह रात को बाहर क्यों निकली थी?
भट्टी के विवादित सवाल का करारा जवाब देते हुए पीड़िता ने एनडीटीवी से कहा, "यह पूछना उनका काम नहीं है. यह निर्धारित करना मेरा और मेरे परिवार का काम है कि मैं क्या करूं और कहां जाऊं. यदि इस तरह के लोग समाज में न होते तो मैं असुरक्षित नहीं होती... फिर चाहे रात के 12 बजे होते या चार बजे होते. 29 वर्षीय पीड़िता ने आगे कहा, "यदि ये रात को होता है तो मेरी गलती है? मुझ पर क्यों सवाल उठाए जा रहे हैं? मुझ पर हमला हुआ है लेकिन पूछताछ आरोपियों से नहीं की जा रही है"
पढ़ें: पीड़िता बोली, पुलिस ने भी अपनी आंखों से देखा वे लोग क्या कर रहे थे
इससे पहले, NDTV से बातचीत में पीड़िता ने बताया कि तंग करने वालों के बैकग्राउंड के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं थी. पीड़ित ने कहा कि मैंने कोशिशि की कि उन्हें पता चले कि वो जो चाहें नहीं कर सकते. पुलिस को मेरी आवाज से समझ में आ गया था कि कि मैं कितनी घबराई हुई हूं. पुलिस ने हर संभव मेरी मदद की. पुलिस को फोन नहीं करती तो क्या करती. मुश्किल में पुलिस को फोन करना चाहिए. पुलिस ने भी अपनी आंखों से देखा कि वे क्या कर रहे थे.
पढ़ें : चंडीगढ़ छेड़खानी मामला : बीजेपी बोली, प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला के इस्तीफे का सवाल ही नहीं
पीड़िता ने बताया कि पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की. जमानत पर मैं ज्यादा कुछ नहीं कह सकती. पता चलना चाहिए कि इस तरह के लोग मनमानी नहीं कर सकते. ऐसा करने वालों को सजा मिलनी चाहिए. लड़कियों को रहना होगा ऐसी परिस्थितियों के लिए पहले से तैयार रहना होगा.
VIDEO : मुझे आरोपियों का बैकग्राउंड पता नहीं था : पीड़िता
उधर, बीजेपी ने कहा है कि बराला के इस्तीफे का सवाल ही नहीं खड़ा होता. सूत्रों के मुताबिक, पार्टी महासचिव और हरियाणा के प्रभारी अनिल जैन ने प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला से फोन पर बात की. उनसे चंडीगढ़ की घटना की पूरी जानकारी ली जिसमें उनका बेटा शामिल है. जैन ने बराला को निर्देश दिया कि वो मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मिलकर उन्हें मामले के सारे तथ्यों से अवगत कराएं. बीजेपी सूत्रों का कहना है कि कानून अपना काम करेगा. बराला के इस्तीफे का प्रश्न ही नहीं है. ये उनके बेटे का मामला है. इसमें उनकी कोई भूमिका नहीं है.
भट्टी के विवादित सवाल का करारा जवाब देते हुए पीड़िता ने एनडीटीवी से कहा, "यह पूछना उनका काम नहीं है. यह निर्धारित करना मेरा और मेरे परिवार का काम है कि मैं क्या करूं और कहां जाऊं. यदि इस तरह के लोग समाज में न होते तो मैं असुरक्षित नहीं होती... फिर चाहे रात के 12 बजे होते या चार बजे होते. 29 वर्षीय पीड़िता ने आगे कहा, "यदि ये रात को होता है तो मेरी गलती है? मुझ पर क्यों सवाल उठाए जा रहे हैं? मुझ पर हमला हुआ है लेकिन पूछताछ आरोपियों से नहीं की जा रही है"
पढ़ें: पीड़िता बोली, पुलिस ने भी अपनी आंखों से देखा वे लोग क्या कर रहे थे
इससे पहले, NDTV से बातचीत में पीड़िता ने बताया कि तंग करने वालों के बैकग्राउंड के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं थी. पीड़ित ने कहा कि मैंने कोशिशि की कि उन्हें पता चले कि वो जो चाहें नहीं कर सकते. पुलिस को मेरी आवाज से समझ में आ गया था कि कि मैं कितनी घबराई हुई हूं. पुलिस ने हर संभव मेरी मदद की. पुलिस को फोन नहीं करती तो क्या करती. मुश्किल में पुलिस को फोन करना चाहिए. पुलिस ने भी अपनी आंखों से देखा कि वे क्या कर रहे थे.
पढ़ें : चंडीगढ़ छेड़खानी मामला : बीजेपी बोली, प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला के इस्तीफे का सवाल ही नहीं
पीड़िता ने बताया कि पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की. जमानत पर मैं ज्यादा कुछ नहीं कह सकती. पता चलना चाहिए कि इस तरह के लोग मनमानी नहीं कर सकते. ऐसा करने वालों को सजा मिलनी चाहिए. लड़कियों को रहना होगा ऐसी परिस्थितियों के लिए पहले से तैयार रहना होगा.
VIDEO : मुझे आरोपियों का बैकग्राउंड पता नहीं था : पीड़िता
उधर, बीजेपी ने कहा है कि बराला के इस्तीफे का सवाल ही नहीं खड़ा होता. सूत्रों के मुताबिक, पार्टी महासचिव और हरियाणा के प्रभारी अनिल जैन ने प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला से फोन पर बात की. उनसे चंडीगढ़ की घटना की पूरी जानकारी ली जिसमें उनका बेटा शामिल है. जैन ने बराला को निर्देश दिया कि वो मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मिलकर उन्हें मामले के सारे तथ्यों से अवगत कराएं. बीजेपी सूत्रों का कहना है कि कानून अपना काम करेगा. बराला के इस्तीफे का प्रश्न ही नहीं है. ये उनके बेटे का मामला है. इसमें उनकी कोई भूमिका नहीं है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं