केंद्र सरकार ने टेलीकॉम सेक्टर में ऑटोमेटिक रूट से 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को मंजूरी दे दी है. कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देने के लिए आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में टेलीकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी जानकारी दी. टेलीकॉम ऑपरेटर्स का जो बकाया है उनपर 4 साल के मॉरेटोरियम को मंजूरी दी गई है. लेकिन ऑपरेटर्स को मॉरेटोरियम पीरियड के दौरान ब्याज देना होगा. कैबिनेट ने एजीआर की परिभाषा को युक्तिसंगत करने का फैसला किया है जिसके तहत जुर्माने को खत्म किया गया है.
अब तक, 49 प्रतिशत तक के निवेश को ऑटोमेटिक रूट से अनुमति दी गई थी और 49 प्रतिशत से अधिक के किसी भी निवेश को सरकार के माध्यम से किया जाना था।
हालांकि, 100 प्रतिशत ऑटोमेटिक रूट चीन और पाकिस्तान जैसे देशों के निवेशकों पर लागू नहीं होगा. अप्रैल 2020 में, सरकार ने भारत के साथ भूमि सीमा साझा करने वाले देशों से होने वाले FDI पर नियम लागू किए थे. यह कदम घरेलू व्यवसायों के किसी भी शत्रुतापूर्ण अधिग्रहण को विफल करने के लिए था और चीन के साथ सीमा पर झड़पों के बीच सामने आया था.
सरकार ने बकाया वेतन, समायोजित सकल राजस्व (AGR) और स्पेक्ट्रम बकाया पर चार साल की मोहलत की भी घोषणा की है.
इसके अलावा, केंद्र ने एजीआर को युक्तिसंगत बनाया है क्योंकि यह दूरसंचार कंपनियों और दूरसंचार विभाग के बीच लंबे वक्त से विवाद का क्षेत्र रहा है. यह दूरसंचार क्षेत्र में तनाव का एक प्रमुख कारण भी रहा है. दूरसंचार कंपनियों के गैर-दूरसंचार राजस्व को बाहर करने के लिए एजीआर को फिर से नई रूपरेखा दी गई है. आपको बता दें कि AGR, वह लाइसेंस शुल्क है जो दूरसंचार ऑपरेटर दूरसंचार विभाग को भुगतान करते हैं.
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