केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने रक्षा जासूसी मामले में कनाडा के कारोबारी राहुल गंगल को गिरफ्तार किया है. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. इस मामले में एक पत्रकार और एक पूर्व नौसेना कमांडर को मई में गिरफ्तार किया गया था. अधिकारियों ने बताया कि 2019 में कनाडा के स्थायी निवासी बन चुके कारोबारी राहुल गंगल गत सप्ताह भारत पहुंचे. सीबीआई के एक प्रवक्ता ने बताया कि जांच एजेंसी को गंगल के भारत आने के बारे में सूचना मिली थी ओर उसने दिल्ली में उनके ठहरने के स्थान का पता लगा लिया था. उन्हें वहां से सोमवार शाम को गिरफ्तार कर लिया गया.
प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘‘पहले की गई जांच से पता चला कि आरोपी ने एक अन्य आरोपी (एक पत्रकार जिसे 17 मई 2023 को इस मामले में गिरफ्तार किया गया) को कथित तौर पर संवेदनशील रक्षा दस्तावेज मुहैया कराए थे.''
अधिकारियों ने बताया कि एक विशेष अदालत ने उन्हें चार दिन के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया है.
सीबीआई प्रवक्ता ने कहा, ‘‘आरोपी के परिसरों में छापे मारे गए थे जिससे आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण बरामद हुए. इन दस्तावेजों तथा उपकरणों की जांच से पता चला कि उनके पास गोपनीय दस्तावेज थे और उन्होंने इन दस्तावेजों को अन्य आरोपी (एक पत्रकार) के साथ साझा किया.''
इससे पहले, जांच एजेंसी ने रक्षा मामलों पर संवेदनशील सूचना एकत्रित करने तथा उन्हें विदेशी खुफिया एजेंसियों को देने के आरोप में स्वतंत्र पत्रकार विवेक रघुवंशी और पूर्व नौसेना कमांडर आशीष पाठक को गिरफ्तार किया था.
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई पाठक तथा रघुवंशी की गिरफ्तारी के बाद से ही भारत और विदेश में संदिग्धों की तलाश कर रही है.
प्रवक्ता ने बताया कि जांच के दौरान भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों से जुड़े कई आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘सीबीआई के डिजिटल फॉरेंसिक विशेषज्ञों ने आरोपियों/अन्य के क्लाउड आधारित खातों/ईमेल/सोशल मीडिया खातों में रखे डेटा भी बरामद किए हैं.''
पिछले महीने यहां एक विशेष अदालत में दाखिल आरोपपत्र में सीबीआई ने शासकीय गोपनीयता कानून के कथित उल्लंघन और संबंधित अपराधों में रघुवंशी और पाठक को बतौर आरोपी नामजद किया था. दोनों को 16 मई को गिरफ्तार किया गया था और वे न्यायिक हिरासत में हैं.
सीबीआई के एक प्रवक्ता ने मामला दर्ज होने के बाद कहा था, ‘‘यह आरोप है कि आरोपी (रघुवंशी) और उसके सहयोगी (पाठक) जो वर्तमान में एक (निजी) कंपनी के साथ काम कर रहे हैं, के पास भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों से संबंधित गोपनीय दस्तावेज थे.''
सीबीआई ने मई में दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा से जांच अपने हाथ में ली, जो पिछले साल सितंबर से रघुवंशी पर नजर रख रही थी.
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि रघुवंशी ने भारत के मैत्रीपूर्ण देशों के साथ रणनीति और कूटनीतिक वार्ता के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी गोपनीय सूचनाएं एकत्रित की थीं, जिससे मित्र देशों के साथ भारत के संबंधों पर असर पड़ सकता है.
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