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This Article is From Dec 13, 2019

उज्जवला योजना के गैस सिलिंडर की एक माह में 41 बार तक रिफिलिंग! सीएजी की ऑडिट रिपोर्ट से उठे सवाल

संसद में पेश रिपोर्ट में CAG ने कहा है कि उज्जवला योजना के तहत 13.96 लाख गरीब लाभार्थियों ने एक महीने में 3 से 41 रिफिल लिए

उज्जवला योजना के गैस सिलिंडर की एक माह में 41 बार तक रिफिलिंग! सीएजी की ऑडिट रिपोर्ट से उठे सवाल
प्रतीकात्मक फोटो.
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
1.98 लाख लाभार्थियों ने साल में 12 से ज़्यादा सिलिंडरों का इस्तेमाल किया
असली ज़रूरतमंद लोग इस योजना का पूरा फ़ायदा नहीं उठा पा रहे
आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा, रिपोर्ट की जांच होनी चाहिए
नई दिल्ली:

केंद्र सरकार की बहु प्रचारित प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना पर सीएजी ने अपनी ऑडिट रिपोर्ट में सवाल खड़े किए हैं. कुछ मामलों में महीने में 41 बार तक सिलिंडर भराए दिखाए गए. क्या एक महीने में किसी परिवार को 41 गैस सिलिंडरों की ज़रूरत पड़ सकती है? लेकिन उज्ज्वला योजना के गरीब लाभार्थियों के नाम इतनी बार सिलिंडर भराई दिखाई गई. ये बात सीएजी की ऑडिट रिपोर्ट में सामने आई है.

संसद में पेश रिपोर्ट में CAG ने कहा है उज्जवला योजना के तहत 13.96 लाख गरीब लाभार्थियों ने एक महीने में 3 से 41 रिफिल लिए. इससे शक होता है कि सब्सिडी वाले इन सिलिंडरों का इस्तेमाल शायद कहीं और कारोबारी इस्तेमाल के लिए हुआ. 1.98 लाख BPL लाभार्थियों ने साल में औसतन 12 से ज़्यादा सब्सिडी वाले सिलिंडरों का इस्तेमाल किया जो लगभग नामुमकिन लगता है. और इसके बावजूद सिलिंडर भरवाने के सालाना औसत में कमी आई है. 3.21 सिलिंडर सालाना भरवाए जा रहे हैं.

एनडीटीवी ने जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, "सरकार की प्राथमिकता है डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर व्यवस्था की मदद से चोरी रोकी जाए. सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में गैस सिलिंडरों के डायवर्सन के खतरे के बारे में आगाह किया है, चोरी की बात नहीं की है."

सीएजी ने परफार्मेन्स आडिट रिपोर्ट में सरकार को चेताया है कि असली ज़रूरतमंद लोग इस योजना का पूरा फ़ायदा नहीं उठा पा रहे. आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा है कि सीएजी रिपोर्ट की जांच होनी चाहिए. बीजेडी के प्रसन्ना आचार्या ने कहा है कि सरकार को सीएजी रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करनी चाहिए.

सीएजी ने लाभार्थियों की पहचान और योजना के तहत दिए गए उपकरणों के सेफ्टी स्टेंडर्ड पर भी सवाल खड़े किए हैं. साफ है, गरीब परिवारों तक एलपीजी गैस की सुविधा पहुंचाने की सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के लागू करने की मौजूदा व्यवस्था पर सीएजी ने कई बड़े और गंभीर सवाल उठाए हैं...अब देखना होगा सरकार सीएजी की रिपोर्ट में उठाई गई खामियों और दुरुपयोग रोकने के लिए कितनी जल्दी कार्रवाई करती है.

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