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This Article is From Aug 28, 2019

पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में फैसला- 75 नए मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे, बढ़ेंगी MBBS की 15700 सीटें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 75 नए मेडिकल कॉलेज (Medical College) खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है.

कैबिनेट बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करते केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और प्रकाश जावड़ेकर.

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 75 नए मेडिकल कॉलेज (Medical College) खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है. इस पर 24 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे. इस फैसले से 15 हजार 700 नए मेडिकल सीट बनेंगे. इसके अलावा कैबिनेट में कई और फैसले लिए गए. 

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि ये सभी मेडिकल कॉलेज वहां बनेंगे, जिन जिलों में मेडिकल कॉलेज नहीं हैं. उन्होंने बताया कि पिछले पांच साल में एमबीबीएस और पीजी मिलकर 45 हजार सीटें बढ़ाई गई हैं और आज तक अभी बीते पांच साल में 82 और अभी 75 नए कॉलेज को मंजूरी मिली है. अभी तक मेडिकल एजुकेशन के लिए इतना बड़ा निर्णय नहीं हुआ है. सरकार के इस फैसले से ग्रामीण इलाकों में डॉक्टरों की उपलब्धता बढ़ेगी. यह मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धि बनेगी. 

इसके अलावा गन्ना किसानों को 60 लाख मीट्रिक टन चीनी निर्यात करने के लिए एक्सपोर्ट सब्सिडी देने का फैसला भी किया गया. इसपर 6268 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा. ये पैसा सीधे किसान के खाते में जाएगा. इससे किसानों का घाटा भी कम होगा. इसका फायदा लाखों किसानों को मिलेगा. वहीं, इंटरनेशनल कोलिशन फॉर डिजास्टर रेजिलिएंट इफ्रास्ट्रक्चर के लिए भी फैसला लिया गया है. कैपिसिटी बिल्डिंग और एक्सचेंज ऑफ इन्फॉरमेंशन जरूरी है. पीएम इस योजना को यूएन में जाकर लॉन्च करेंगे. 

वहीं, सरकार की तरफ से बताया गया कि 286 बीलियन डॉलर का एफडीआई भारत में आया है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इस दौरान बताया कि कोल माइनिंग और उसके सेल के लिए 100 फीसदी एफडीआई को अनुमति दी जाएगी. साथ ही उससे जुड़े कामों जैसे कोयला की धुलाई आदि में भी 100 फीसदी की एफडीआई को अनुमति की मंजूरी दी गई है. भारत को कंपनियां मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट बनाना चाहते हैं, लेकिन कानून में कुछ कठिनाइयां थी जिसे आज काफी सरल किया गया है. इससे बड़ी मात्रा में विदेश से निवेश आएगा. इससे आर्थिक प्रगति भी बढ़ेगी. साथ ही बड़े रूप में युवाओं को रोजगार मिलेगा. इसके लिए सबसे पहला बदलाव कॉन्ट्रैक्ट मैन्यूफैक्चरिंग में 100 फीसदी एफडीआई की मंजूरी दी गई है. बाहर के लोग भारत मे आकर अपना सामान बनवा सकते हैं.

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