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This Article is From Nov 23, 2018

ओबीसी के उप-वर्गीकरण के मुद्दे की जांच करने वाले आयोग को मिला 6 महीने का सेवा विस्तार

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की एक अहम बैठक में ये फैसला लिया गया. ये तय किया गया है की अब आयोग की सेवा अवधि 31 मई, 2019 तक होगी.

ओबीसी के उप-वर्गीकरण के मुद्दे की जांच करने वाले आयोग को मिला 6 महीने का सेवा विस्तार
फाइल फोटो
नई दिल्‍ली: राजनीतिक तौर पर महत्पूर्ण अन्‍य पिछड़े वर्गों के उप-वर्गीकरण के मुद्दे की जांच करने वाले आयोग को आपने रिपोर्ट तैयार करने के लिए मोदी कैबिनेट ने 6 महीने का और वक्त देने का फैसला किया है. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की एक अहम बैठक में ये फैसला लिया गया. ये तय किया गया है की अब आयोग की सेवा अवधि 31 मई, 2019 तक होगी. यानी केन्‍द्रीय सूची में अन्य पिछड़ा वर्ग के उप-वर्गीकरण के मुद्दे की जांच का काम पूरा करने के लिए उसके पास 6 महीने का और वक्त होगा. कैबिनेट की तरफ से जारी एक रिलीज़ के मुताबिक, "आयोग ने राज्‍य सरकार, राज्‍य पिछड़ा वर्ग आयोग, विभिन्‍न सामुदायिक संगठन व पिछड़े वर्गों से जुड़े आम नागरिकों समेत विभिन्‍न हितधारकों के साथ विस्‍तार से बैठकें की हैं.

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आयोग ने उच्‍च शै‍क्षणिक संस्‍थानों में नामांकित ओबीसी छात्रों तथा केन्‍द्र सरकार के विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों, सरकारी बैंकों व वित्‍तीय संस्‍थानों में ओबीसी के प्रतिनिधित्‍व से संबंधित आंकड़ों का संग्रह किया है." इससे पहले उप-वर्गीकरण के मुद्दे पर आयोग ने जो आकंड़े इकट्ठा किये हैं उनकी समीक्षा के बाद आयोग ने सभी राज्‍यों तथा उनके पिछड़े वर्ग आयोगों के साथ एक और दौर की चर्चा की आवश्यकता की बात कैबिनेट के सामने रखी थी.

आयोग का गठन पिछले साल अक्टूबर में किया गया था. इससे पहले उसे तीन एक्सटेंशन दिया जा चुका है. ये चौथा मौका है जब उसके कार्यकाल को बढ़ाया गया है.

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