शाहीन बाग (Shaheen Bagh) में वाहनों की आवाजाही शुरू करने और प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए दिल्ली पुलिस बल प्रयोग नहीं बल्कि बातचीत का सहारा लेगी. सरकारी सूत्रों ने बताया कि इसके लिए दिल्ली पुलिस शाहीन बाग इलाके के धार्मिक नेताओं के संपर्क में है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने NDTV को बताया कि पुलिस को शाहीन बाग-कालिंदी कुंज मार्ग को खोलने के लिए बल प्रयोग करने के बजाय बातचीत का सहारा लेने के निर्देश दिए गए हैं. इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिए थे कि जनता के हित को ध्यान में रखते हुए क़ानून व्यवस्था को लागू किया जाए. दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने पुलिस को आदेश दिया कि कानून व्यवस्था और जनता का हित देखते हुए कार्रवाई की जाए. साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि लोगों की परेशानी देखते हुए, कानून व्यवस्था के तहत पुलिस कभी भी रोड खाली करा सकती है. बता दें कि बीते एक महीने से दिल्ली के शाहीन बाग में सैकड़ों महिलाएं और बच्चे नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) के खिलाफ धरने पर बैठे हैं.
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बता दें कि शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जारी प्रदर्शन के चलते दिल्ली में सरिता विहार से कालिंदी कुंज के बीच वाहनों की आवाजाही कई दिनों से बंद है. इससे इस इलाके के आसपास रहने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. परेशान लोगों ने रास्ते को खुलवाने के लिए प्रदर्शन भी किया. सरिता विहार से कालिंदी कुंज के बीच सड़क संख्या 13ए पर यातायात बंद होने के चलते नोएडा से दिल्ली की तरफ आने वाले लोगों से मथुरा रोड, आश्रम और डीएनडी मार्ग तथा बदरपुर से आने वालों को आश्रम चौक वाले मार्ग का इस्तेमाल करने की अपील की गई थी.
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आवाजाही खुलवाने की मांग को लेकर दी गई याचिका में मांग की गई थी कि सड़क बंद होने से रोजाना लाखों लोगों को कठिनाई होती है और वे पिछले एक महीने से अलग-अलग रास्तों से जाने के लिए बाध्य हैं. वकील और सामाजिक कार्यकर्ता अमित साहनी द्वारा दाखिल याचिका में दिल्ली पुलिस आयुक्त को कालिंदी कुंज-शाहीन बाग पट्टी और ओखला अंडरपास को बंद करने के आदेश को वापस लेने का निर्देश देने की मांग की गयी है.
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शनों के कारण 15 दिसंबर को इन्हें बंद किया गया था. अस्थायी तौर पर शुरू किये गये कदम को समय समय पर बढ़ा दिया गया. जनहित याचिका में कहा गया है कि कालिंदी कुंज का इलाका दिल्ली, फरीदाबाद (हरियाणा) और नोएडा (उत्तर प्रदेश) को जोड़ने की वजह से बहुत महत्व रखता है।. यहां से निकलने वाले मार्गों का इस्तेमाल करने वाले लोगों को डीएनडी एवं अन्य वैकल्पिक रास्तों का इस्तेमाल करना पड़ रहा है जिससे भारी यातायात जाम की स्थिति बन रही है और साथ ही समय तथा ईंधन की बर्बादी भी हो रही है.
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