हिंसा में एक पुलिस इंस्पेक्टर सहित दो लोगों की मौत हो गई.
बुलंदशहर:
बुलंदशहर में जिसके खेत में गोवंश के अवशेष मिले थे, उसके मालिक का कहना है कि उन्होंने अवशेषों को खेत में गाड़ने का फैसला किया था, लेकिन भीड़ नहीं मानी. एनडीटीवी से खेत के मालिक राजकुमार की पत्नी रेनू ने बातचीत की. रेनू का कहना है, 'जब हम कल (तीन दिसंबर) खेत पहुंचे तो हमें वहां गाय के अवशेष मिले. हमने इसके बारे में पुलिस को सूचना दी. तब तक काफी संख्या में गांववाले और भीड़ हमारे खेत में पहुंच चुकी थी. इसके बाद हमने अवशेष खेत में गाड़ने का फैसला किया, लेकिन भीड़ नहीं मानी.'
इसके साथ ही उन्होंने बताया, 'भीड़ ही ट्रॉली लेकर आई और उसमें अवशेष डाले और कहा कि हम थाने जाकर जाम करते हैं. हमने इस पर मना किया और कहा कि हम माहौल खराब नहीं करना चाहते. लेकिन भीड़ नहीं मानी.' जब उनसे पूछा गया कि हिंसा करने वाले लोग कौन थे तो उन्होंने कहा, 'हम नहीं बता सकते कि भीड़ में बजरंग दल के लोग थे या नहीं.'
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इसके साथ ही महाव गांव के पूर्व प्रधान प्रेमजीत सिंह के खेत में कुछ अवशेष मिले थे. उन्होंने बताया कि 'पुलिस के साथ मिलकर सुलह हो गई थी. पुलिस ने आश्वासन दे दिया था कि एफआईआर हो जाएगी. हमारे गांव के लोग भी मान गए थे, लेकिन अचानक बजरंग दल के लोगों ने ट्रैक्टर पर कब्ज़ा कर लिया. हमने बहुत समझाने की कोशिश की. लेकिन वह नहीं माने'
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सिंह ने साथ ही बताया, 'हमने ट्रैक्टर हटा लिया था. लेकिन जब हम ट्राली हटाने गए तो पथराव शुरू हो गया. पथराव करने वाले गांव के नहीं थे. मुझे नहीं पता कि इतने पत्थर कहां से आ गए. गांव में तो इतने पत्थर होते नहीं. मैं तो सुलह करवा रहा था. अचानक भीड़ ने पत्थर मारना शुरू कर दिया. ये सब बाहर के लोग थे. जब पत्थर चलने लगे तो हम जान बचा कर भागे. ये लड़का योगेश राज आगे था, इसका हमसे कुछ लेना देना नहीं है. मुझे नहीं पता कि जब पुलिस एफआईआर कर रही थी तो पत्थर क्यों चले? ये सुनियोजित लगता है.'
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बता दें, सोमवार को बुलंदशहर के महाव गांव में गोकशी की सूचना पर पुलिस पहुंची थी. पुलिस पहुंची तो वहां पर भीड़ गुस्साई हुई थी. पुलिस ने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन भीड़ ने पुलिस पर ही हमला कर दिया. हमले में यूपी पुलिस के एक इंस्पेक्टर पर मौत हो गई. वहीं एक अन्य नागरिक की भी इसमें मौत हो गई. पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है और कार्रवाई शुरू कर दी है. इसमें अब तक चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
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इसके साथ ही उन्होंने बताया, 'भीड़ ही ट्रॉली लेकर आई और उसमें अवशेष डाले और कहा कि हम थाने जाकर जाम करते हैं. हमने इस पर मना किया और कहा कि हम माहौल खराब नहीं करना चाहते. लेकिन भीड़ नहीं मानी.' जब उनसे पूछा गया कि हिंसा करने वाले लोग कौन थे तो उन्होंने कहा, 'हम नहीं बता सकते कि भीड़ में बजरंग दल के लोग थे या नहीं.'
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इसके साथ ही महाव गांव के पूर्व प्रधान प्रेमजीत सिंह के खेत में कुछ अवशेष मिले थे. उन्होंने बताया कि 'पुलिस के साथ मिलकर सुलह हो गई थी. पुलिस ने आश्वासन दे दिया था कि एफआईआर हो जाएगी. हमारे गांव के लोग भी मान गए थे, लेकिन अचानक बजरंग दल के लोगों ने ट्रैक्टर पर कब्ज़ा कर लिया. हमने बहुत समझाने की कोशिश की. लेकिन वह नहीं माने'
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बता दें, सोमवार को बुलंदशहर के महाव गांव में गोकशी की सूचना पर पुलिस पहुंची थी. पुलिस पहुंची तो वहां पर भीड़ गुस्साई हुई थी. पुलिस ने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन भीड़ ने पुलिस पर ही हमला कर दिया. हमले में यूपी पुलिस के एक इंस्पेक्टर पर मौत हो गई. वहीं एक अन्य नागरिक की भी इसमें मौत हो गई. पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है और कार्रवाई शुरू कर दी है. इसमें अब तक चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
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