आम बजट अमीरों के लिए है, यह धारणा खारिज करते हुए वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने गुरुवार को कहा कि यह एक 'सुधारवादी' एवं 'ऐतिहासिक' बजट है, जिसमें सभी के लिए कुछ न कुछ है।
बजट पेश किए जाने के पांच दिन बाद यहां भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की गरीब राज्यों की मदद करने की 'पूरब की ओर देखो' नीति के तहत विशेषतौर पर पूर्वांचल क्षेत्र के लिए बजट में पश्चिम बंगाल और बिहार जैसे राज्यों को कुछ राहत उपलब्ध कराने की कोशिश की गई है।
उन्होंने कहा, 'हमने एक बहुत सुधारवादी, एक ऐतिहासिक बजट पेश किया है जिसमें कई ढांचागत सुधार के उपाय किए गए हैं विशेषकर जन सुरक्षा कार्यक्रम जोकि एक वैश्विक सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था की शुरुआत है।' सिन्हा ने कहा, 'हमने ढांचागत सुविधाओं, रोजगार एवं दीर्घकालीन बचत के लाभ के मामले में मध्य वर्गीय लोगों के लिए काफी कुछ किया है। ज्यादातर अच्छे अर्थशास्त्री इससे सहमत होंगे कि यह एक बहुत अच्छा बजट है।'
सिन्हा ने कहा कि बजट में कर बचत, घरेलू खचरें में कमी एवं मध्यम वर्ग के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के रूप में राहत की पेशकश की। उन्होंने कहा, 'जहां पूर्व के बजटों में आठ से दस सुधार किए गए, इस बजट में 20 प्रमुख सुधारवादी पहल की गई है।' यह पूछे जाने पर कि उन्हें बजट को लेकर स्पष्टीकरण देने की जरूरत क्यों पड़ी, सिन्हा ने कहा, 'बजट पेश किए जाने के बाद, बजट के विवरणों को रेखांकित करना मंत्रालय के लिए आम बात है। यह हमारा दायित्व है क्योंकि हम जनता के सेवक हैं।'
यह पूछे जाने पर कि बजट में गरीबों के लिए क्या किया गया है, सिन्हा ने कहा कि इसमें मूलभूत जरूरतें पूरी करने, विकास के जरिए सामाजिक सुरक्षा व आवास, खाद्य सुरक्षा, मनरेगा एवं चिकित्सा व शिक्षा सेवाओं के लिए प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि चाहे मध्य वर्ग हो या गरीब, ज्यादातर लोग इस बजट को लेकर खुश हैं।
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